कानपुर नगर। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के प्रतिनिधि मंडल ने अपर श्रमायुक्त सरजू राम के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन के द्वारा मांग की गई कि बिजली कर्मचारियों का उत्पीड़न और दमन बंद हो तथा निलंबन,निष्कासन और दर्ज एफआईआर तत्काल वापस लिया जाए और 03.12.2022 को सम्पन्न समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए क्योकि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति एवं उर्जा मंत्री के मध्य विगत अनेक वर्षों से अनेक वार्ताओं का दौर चला जिसके फलस्वरुप सम्मानजनक समझौता संपन्न हुआ, लेकिन सरकार द्वारा उक्त संपन्न समझौते को लागू करने में कोताही बरते जाने पर संघर्ष समिति ने पुनः सरकार से समझौते को लागू करने की मांग की जिसे सरकार के उर्जा मंत्री ने समझौते को लागू करने में रुचि नहीं लिए जाने के फलस्वरुप संघर्ष समिति ने एक दिन के कार्य बहिष्कार की चेतावनी देने के साथ ही कहा कि यदि इसके उपरांत भी सरकार नहीं चेतती है तो 72 घंटे की हड़ताल घोषित कर दी जाएगी।
सरकार ने संघर्ष समिति की चेतावनी को नजरअंदार कर दिया जिसके कारण संघर्ष समिति ने 16/17 मार्च 2023 की मध्य रात्रि से हड़ताल की घोषणा कर दी जो कि 19.03.2023 की रात्रि में इस आधार पर समाप्त हुई कि हड़ताल में शामिल किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न, निलंबन तथा निष्कासन और दर्ज एफआईआर को बिना शर्त वापस ले लिया जाएगा।
हड़ताल समाप्त होने के पश्चात सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों से पलट गई और हड़ताल में शामिल प्रत्येक कर्मचारी का एक माह का अर्जित वेतन तथा पेंशन राशि को कटौती किए जाने का आदेश दे दिया जो कि औ0वि0अधि0 1947 में प्रदत्त प्राविधानों के तहत हड़ताल के अधिकार पर हस्तक्षेप है। सरकार को निर्देश दिया जाए कि बिजली कर्मचारियों के हितों और अधिकारों की सुरक्षा करते हुए समझौते को अक्षरशः लागू करे।
प्रतिनिधि मंडल में मंच के संयोजक असित कुमार सिंह (एटक),उमेश शुक्ला (इंटक), कुलदीप सक्सेना( एच एम एस), राजीव खरे (सीटू),रानाप्रताप सिंह ( ऐक्टू), धर्मदेव( ए आई यू टी यू सी), रमेश विश्वकर्मा( टी यू सी सी), विजय शुक्ला आदि उपस्थित रहें।