July 5, 2024
मामला सिसवा विकास खण्ड का : PM और CM की महात्वाकांक्षी योजना में मची लूट, सामुदायिक शौचालय बना आवरा कुत्तों का बसेरा

सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना पर लूट मची है, ग्राम प्रधान सहित अधिकारियों को जरा सा भी डर नही कि जिसमे लूट मचाये हुए है वह पीएम व सीएम की वह सोच है जो जनता तक पहुंचती है और सरकार जनता तक हर सुविधा पहुंचाना चाहती है लेकिन यहां तो लाखो का खर्च किया जाता है लेकिन कमीशनबाजी इतनी जबरदस्त होती है कि निर्माण होने के बाद ही वह टूटने लगता है, जांच कौन करेगा सवाल तो यह भी है? क्यों कि इस खेल में कई खिलाड़ी है।

जीहां हम बात कर रहे है प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना शौचालय योजना की, सरकार की सोच है कि हर घर को शौचालय बनवाने के बाद हर गांव में एक सामुदायिक शौचालय बनवाया गया लेकिन यह लूट का जरिया बन गया, कई गांव में सामुदायिक शौचालय निर्माण में लूट इस कदर हुई कि आज तक उसके दरवाजे नही खुले, जांच हो तो लूट से पर्दा उठ जाएगा, उसके बाद दूसरी लूट हो रही है, रख रखाव के नाम पर हर माह 9 हजार रूपये की।

सिसवा विकास खण्ड के ग्राम गेरमा के सामुदायिक शौचाल का हाल बूरा है, निर्माण कार्य के दौरान ही दोनों हाथों से सरकारी धन को लूटा गया, दो साल पहले ही शौचालय का निर्माण हुआ लेकिन दीवाल फट रही है तो नीचे टाइल्स जमीन में अन्दर दब रहे है, इतना ही नही देखने से ही पता चलता है कि इसके निर्माण में जमकर लूट हुई है, जांच हो तो पता चल जाएगा कि किस कदर सरकारी धन में बंदरबांट कर सरकार की महात्वाकांक्षी योजना को भ्रष्टाचार की योजना में बदल दिया गया है।

मामला इतना ही नही है इस शौचालय की देख रेख के लिए पार्वती स्वंय सहायता समूह को जिम्मेदारी सौंपी गयी है और इस के लिए हर माह 9 हजार रूपये का भुगतान भी हो रहा है, जिसमें 6 हजार रूपये मानदेय व 3 हजार रूपये साफ-सफाई के लिए, ऐसे में जब शौचालय में कोई जाता ही नही है, तो रख रखाव व मानदेय किस बात का दिया जा रहा है।

इस से तो साफ लग रहा है निर्माण में तो लूट हुई ही उसके बाद उसके रखरखाव के नाम पर हर माह 9 हजार रूपये की लूट चल रही है, हर माह 9 हजार रूपये का भुगतान इस लिए किया जा रहा है कि कागजों में सरकार को पता चलता रहे यहां का शौचालय चल रहा है।
इस सामुदायिक शौचालय की हालत देखने से ही पता चल जाएगी कि क्या असलियत है, बाहर बालू का ढेर है, गंदगी का अम्बार है तो अन्दर गांव के आवार कुत्तों का बसेरा बना हुआ है।

यहां तक क्यों नही पहुंचे अधिकारी
सिसवा विकास खण्ड कार्यालय से मात्र 4 किमी दूर ग्राम गेरमा में सामुदायिक शौचालय की हालत की जानकारी क्या खण्ड विकास के अधिकारियों को नही है, इससे तो साफ लगता है यह अपना ऑफिस छोड़ कर गांव की तरफ जाते ही नही है, अगर जाते तो अब तक इस लूट से पर्दा उठ चुका होता।

ठीक है जांच कराएंगे : BDO
सामुदायिक शौचालय की इस हालत के बारे में खण्ड विकास अधिकारी संतोष श्रीवास्तव से बात की गयी तो जवाब मिला ठीक है जांच करवा रहे है, अब देखना है बीडियो साहब वास्तव में जांच करवाएंगे या फिर सिर्फ जांच कराने की बात ही कही गयी और हो गयी जांच?

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