

सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर। मदरसा आरफिया नूरिया अहले सुन्नत जमुनहिया बाग इमामबाड़ा ट्रांसफार्मर के पास ग्यारहवीं-शरीफ़ पर जश्ने -ए-ग़ौसुलवरा का हुआ आयोजन।
मौलाना अमीरूद्दीन ने कहा कि दुनिया में जो बेअमनी है वह सिर्फ इस बुनियाद पर है कि हमने पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम का बताया हुआ रास्ता छोड़ दिया है। जरूरत इस बात की है कि हम दुनिया में अमन चाहते हैं तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम का बताया हुआ रास्ता अपनाना होगा। अमन के लिए भाईचारा और एक को दूसरों के हक को पहचानना बहुत जरूरी है। दुनियाभर में मचा खूनखराबा सिर्फ मोहब्बत से रोका जा सकता है और इसका रास्ता कुरआन-ए-पाक व पैग़ंबर-ए-आज़म की सुन्नतों पर अमल करने में है। इल्म के बिना किसी मसले की गहराई और उसका हल नहीं तलाशा जा सकता है। अगर हमें अपनी कौम को उन्नति के मार्ग पर ले जाना है तो इसके लिए जरूरी है कि नई नस्ल को पैग़ंबर-ए-आज़म, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम की पाक ज़िंदगी से अवगत कराया जाए। कुल शरीफ की रस्म अदा कर दुआ मांगी गई। लंगर बांटा गया।
इस मौके पर मदरसा प्रबंधक डॉ. शकील अहमद, मौलाना अल्ताफ, डॉ. बशीर, अजमेर आलम, असरार कादरी, शफायत उल्लाह खान, अब्दुल कबीर, अब्दुल मुस्तकीम, नौशाद अहमद, फिरोज अहमद व मुहल्ले के सैकड़ों लोग मौजूद रहें।