सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड में विकास के नाम पर लूट का खेल रूकने का नाम नही ले रहा है, ग्राम रूद्रापुर में भ्रष्टाचार कहें कि लूट का खेल, अजीबो गरीब मामला सामने आया है, यहां तीन कमरे और छोटे से बरामदे वाले पंचायत भवन पर नींव, दिवाल और छत वही लेकिन मरम्मत व खडंजा के नाम पर 4 साल 3 माह में 6.57 लाख रूपये खर्च कर दिया गया, जब कि खडंजा कहां है पता नही!
विकास का यह मामला ऐसा है कि एक तरफ प्रधानमंत्री योजना से 2.50 लाख मे ंगरीबों को पक्का आवास दिया जा रहा है, इसी पैसे में गरीब पक्का मकान बन कर रह रहा है लेकिन ग्राम रूद्रापुर में मुख्य सड़क से सटे एक पंचायत भवन है, जिसमे तीन छोटे-छोटे कमरे, व एक छोटा बरामदा है, और नींव, दिवाल व छत वही है लेकिन जनवरी 2023 से लेकर पिछले 4 साल 3 माह के रिकार्ड को देखा जाए तो इस पंचायत भवन पर मरम्मर व खडंजे पर 6लाख 57 हजार 68 रूपया खर्च किया जा चुका है, इस में मनरेगा से 97920 रूपये की मजदूरी भी सम्मलित है।
इस छोटे से पंचायत भवन पर जो खर्च किया गया है वह आंकड़ा हमारा नही बल्कि पंचायती राज के व मनरेगा के वेवसाईट पर दर्ज है, जिसे देखे कर कोई भी चकित हो जाएगा कि आखिर इतना रूपया कहां और कैसे खर्च हो गया, वैसे जांच हो तो मामला सब सामने आ जाएगा कि पंचायत भवन का विकास कितन हुआ है।
पंचायती राज व मनरेगा के वेवसाईट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 28 नवम्बर 2018 को पंचायत भवन मरम्मर हेतू मैटेरियल कार्य के लिए 36016 रूपये का भुगतान हुआ है, 6 अप्रैल 2019 को पंचायत भवन कार्य मरम्मत पर 114882 रूपये का भुगतान, 6 अप्रैल 2019 को ही पंचायत भवन मरम्मत कार्य पर 21298 रूपये का भुगतान, 9 अप्रैल 2019 को पंचायत भवन मरम्मत कार्य पर 46645 रूपये का भुगतान, 3 नवम्बर 2021 को पंचायत भवन पर मिट्टी व खड़ंजा मरम्मत कार्य पर 90487 रूपये का भुगतान वही इस मिट्टी व खड़ंजा पर मनरेगा से 97920 रूपये की मजदूरी का भुगतान हुआ है, इस के बाद 31 जनवरी 2023 को पंचायत भवन का कायाकल्प कार्य पर 250000 रूपये का भुगतान हुआ है।
इस तरह छोटे-छोटे तीन कमरे व छोटे बरामदे वाले पंचायत भवन पर जब कि नींव, दिवाल व छत वही है लेकिन पंचायती राज व मनरेगा के वेवसाईट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 28 नवम्बर 2018 से 31 जनवरी 2023 तक 6लाख 57 हजार 68 रूपया खर्च किया जा चुका है, यहां एक बात और है कि पंचायत भवन पर मिट्टी व खड़ंजा मरम्मत कार्य पर 90487 रूपये का भुगतान वही इस मिट्टी व खड़ंजा पर मनरेगा से 97920 रूपये की मजदूरी का भुगतान हुआ है, खडंजा कहां है पता ही नही है! रही बात मनरेगा मजदूरी से जितनी मजदूरी का भुगतान हुआ है कोई छोटी पोखरी तक की खुदाई हो सकती है ऐसे में यह तो अब मामला जांच का है कि आखिर इस छोटे से पंचायत भवन पर इतना रूपया कहां और कैसे खर्च किया गया।
लोगों का मानना है कि जांच हो तो एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होगा, और सरकार के धन को विकास के नाम पर लूट मचाने वालों पर कार्यवाही होगी। लेकिन यहां तो विकास खण्ड के अधिकारी अपने ऑफिस से बाहर ही नही निकलते ऐसे में जांच होगी या नही यह भी प्रश्न बन चुका है।