कुशीनगर। हिन्दुस्तानी दूल्हा औऱ रशियन दुल्हन….सात फेरों के साक्षी बने चार देशों के बाराती….कुशीनगर में एक ऐसी ही अनोखी शादी के बारें आपने कभी नहीं सुना होगा। इस शादी में न केवल सरहदों की दीवारें गिर गईं बल्कि ये साबित हो गया कि अगर प्यार सच्चा है तो जाति मजहब और सरहदीं पहरों का कोई मतलब नहीं है। रूस की दुल्हन ने कुशीनगर के युवक संग हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की। मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिए। युवक के परिवार व रिश्तेदारों के अलावा भारत समेत चार देशों के लोग इस शादी के साक्षी बने।
बताते चले कि कुशीनगर के मंगलपुर गांव के रहने वाले दीपक सिंह मेडिकल की पढ़ाई के लिए चार साल पहले ऑस्ट्रिया गए थे। वहां रूस की जारा, दीपक की सीनियर थी। गांव के पूर्व प्रधान पियूष चतुर्वेदी व ग्रामीणों ने बताया कि दीपक सिंह और जारा में पढ़ाई के दौरान प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली। कोरोना के बाद जब वे घर आए हैं तो उनके परिवार के लोगों ने दोनों की शादी हिन्दू रीति-रिवाज से कराई है। शादी के बाद जारा, डॉ. जाया सिंह बन गई हैं।
भारतीय संस्कृति से उत्साहित दिखी रूस की दुल्हन
कुशीनगर जिले के पथिक निवास में हिदू दुल्हन की तरह सज धज कर विदेशी दूल्हन जारा जो अब काफी उत्साहित थीं। अपने दोस्तों के साथ जारा तीन देशों की सरहद लांघकर आई। दोस्तों और जारा के परिजनों ने उन्हें जयमाल के लिए सजे मंच तक पहुंचाया। विदेशी दुल्हन के साथ आए इजराइल, रशियन और अर्जेंटिना के विदेशी दोस्तों ने भारतीय शादी का आनंद लिया।
डॉ
. दीपक सिंह से ब्याह रचाने जब होटल से जारा निकली तो बताया कि ड्रेस शानदार है। भारत का कल्चर काफी आकर्षक है। वह बेहद खुश है कि उनकी शादी भारतीय रीति रिवाजों से हुई है। शादी में विदेश से आए लोगों ने कहा कि उनके यहां शादी इतनी धूमधाम से कभी नहीं होती। लोग सिर्फ खाना खाकर चले जाते हैं। यहां का सेलेब्रेशन उनके लिए नया है।