February 23, 2025
अब शादी के कार्ड में लिखना होगा, लड़का-लड़की बालिग, नही तो दंड के होंगे भागी

बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक कुरीति है

भोपाल। बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक कुरीति है। इससे बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के साथ समाज के विकास पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसे समाज के सहयोग से ही जड़ से समाप्त किया जा सकता है। कलेक्टर अविनाश लावनिया ने सभी से अपील की है कि बाल विवाह नहीं करें और न ही आसपास होने दें। बाल विवाह करना गैर कानूनी है।

विवाह पत्रिका मुद्रित करे वाली प्रिंटिंग प्रेस के मालिक भी विवाह पत्रिका में स्पष्ट उल्लेख करें कि वर-वधु बालिग हैं। कलेक्टर ने सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजनों में बाल विवाह रोकने के लिये एहतियात बरतें। बाल विवाह नहीं करेंगे, इस आशय का पत्र कलेक्टर एवं महिला एवं बाल विकास जिला काया्रलय में प्रस्तुत करें। इसी प्रकार प्रेस, हलवाई, कैटरर्स, धर्मगुरु, समाज के मुखिया, बैंड, डीजे वाले, घोड़ी वाले, ट्रांसपोटर्स आदि से भी अनुरोध किया है कि सभी वर-वधु का आयु संबंधी प्रमाण पत्र के परीक्षण के बाद ही अपनी सेवाएं दें। अन्यथा वे भी बाल विवाह जैसे गैरकानूनी कार्य के सहयोगी माने जाएंगे और दंड के भागी बनेंगे।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 साल से छोटी लड़की का विवाह प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह कराता है, करता है, उसमें सहायता करता है या बढ़ावा देता है, उन्हें दो वर्ष के कठोर अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!