गोरखपुर। बरेली के मौलाना मो. फुरकान रजा मंजरी ने कहा कि इस्लाम लोगों को आपस में मिलकर शांति से रहने की शिक्षा देता है और यह सन्देश जन-जन तक पहुँचाना हम सबका फर्ज है। पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जिंदगी से हमें सीख लेनी चाहिए कि कितनी सादगी और मोहब्बत के साथ वह दूसरों से पेश आते थे। उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपनी दुनिया और आखिरत दोनों संवार सकते हैं।
इलाहीबाग में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन
मौलाना फुरकान इलाहीबाग में आयोजित जलसा-ए-ग़ौसुलवरा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नौजवानों से शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी परचम लहराने की अपील की। मौलाना ने फीफा वर्ल्ड कप में मोरक्को की टीम का हवाला देते हुए कहा कि अगर आपमें अगर जोश, जुनून, जज्बा और अपने देश के लिए कुछ करने की चाहत हो तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। मोरक्को के खिलाड़ियों ने अपने शानदार खेल से पूरी दुनिया को चकित कर दिया है। जलसे के संयोजक हाजी मो. खुर्शीद आलम खान ने हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी का स्मरण करते हुए अपनी बगदाद यात्रा से जुड़ी यादें सांझा करते हुए कहा कि भारतीयों का इराक सहित दुनिया के तमाम देशों में बहुत सम्मान है। हम भारतीयों के प्रति स्थानीय लोगों का व्यवहार व मेहमानवाजी काबिले तारीफ है। इराक जाकर अहसास हुआ की भारतीय होना कितने गर्व की बात है।
मुफ्ती मुनव्वर रजा ने युवाओं से सामाजिक बुराइयों से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि आज की नौजवान पीढ़ी सबसे ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर बर्बाद कर रही है। इससे समाज में तरह-तरह की बुराइयां पनप रही है। आए दिन ऐसी ख़बरें अखबारों की सुर्खियां बनी रहती हैं। इसलिए युवा फालतू के कामों को छोड़कर किताबों से दोस्ती करें। इस्लाम में शिक्षा की ही अहमियत है और उसका का पहला पैग़ाम ही शिक्षा है। इसलिए अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाने पर जोर दें।
नात बिहार के मुजफ्फर रजा व कुशीनगर के कारी शकील अहमद ने पेश किया।अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। अकीदतमंदों ने लंगर-ए-गौसिया खाया। इस मौके पर मो. शादाब खान, मो. अय्यूब खान, हाजी जमील अहमद, इमरान अहमद, मैनुद्दीन, सैयद अरशद, कारी अफजल बरकाती, कारी मो. मोहसिन रजा आदि मौजूद रहे।