बेंगलुरू। बेंगलुरू में एसिड अटैक करने वाले आरोपी को गैंगरीन नामक बीमारी हो गई है, जिसके चलते उसके पैर काटने का खतरा बना हुआ है। आरोपी ने 28 अप्रैल को एक 23 वर्षीय महिला पर तेजाब से हमला किया था। पीड़िता ने आरोपी की इस बीमारी को ईश्वर की ओर से दी गई सजा करार दिया है। उसने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह उसकी सजा के लिए अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है। नागेश उर्फ एसिड नागा का फिलहाल जेल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पीड़िता ने कहा, मेरा जीवन बहुत कठिन हो गया है। मुझे कई सर्जरी की जरूरत है, जिसके चलते मेरा अस्पताल में कई बार आना पड़ता है। भगवान ने उसे दंडित किया है लेकिन मैं इससे खुश नहीं हूं। अदालत के फैसले का इंतजार है, क्योंकि वह कठोर सजा का हकदार है। एसिड अटैक मामले में कर्नाटक पुलिस पहले ही 770 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट को सौंप चुकी है।
बेंगलुरु के सुनकदकट्टे में लड़की के ऑफिस के पास एक ऑटो में इंतजार कर रहे हमलावर नागेश ने उसका पीछा किया और मौका देख उस पर तेजाब डाल दिया। तेजाब हमले में युवती 35 फीसदी जल गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने युवती से अपने प्यार का इजहार किया था, जब उसने मना किया तो वह आग बबूला हो उठा और उसने उस पर हमला करने का प्लान बनाया।
13वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत को सौंपे गए आरोप पत्र में 92 गवाहों के नामों का उल्लेख किया गया है। जांचकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 164 के तहत लिए गए 2 चश्मदीद गवाहों के बयान भी पेश किए। नागेश 28 अप्रैल से लापता था और भगवा पोशाक में एक धार्मिक संत का वेश बनाकर पुलिस से बच रहा था। पुलिस भी भक्तों के रूप में आश्रम गई और उसके बारे में सुराग हासिल करने में कामयाब रही और आखिरकार उसे पकड़ लिया। पकड़ में आने के बाद जब उसने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी।