मथुरा। विगत दिनों औषधि विभाग ने ताबडतोड कार्यवाही की। इस अवधि में विभाग ने कई जगह छापेमारी की और कुछ 18 जगह कार्यवाही की। विभाग की कार्रवाही की जद में 13 मेडिकल स्टोर और पांच दवाओं के होलसेलर आए हैं। इन सभी के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। जून में चित्रा मेडिकल स्टोर कोसीकला, राधा मेडिकल स्टोर गोवर्धन रोड, मंगला मेडिकल स्टोर कोसीकला, राजेश मेडिकल स्टोर शमशाबाद, कुमार मेडिकल स्टोर बीएसएस इंजीनियरिंग कॉलेज रोड, हनुमान मेडिकल स्टोर राया, राजीव मेडिकल स्टोर महावन, फर्मेसी एण्ड जनरल सप्लायर सिविल लाइन मथुरा, प्रसाद मेडिकोज नौहझील, श्रीजी मेडिकल स्टोर औरंगाबाद, आशेश्वर मेडिकल स्टोर कोसीकला, सारस्वत मेडिकल स्टोर नीयर बीएसए इंजीनियर कॉलेज और शर्मा मेडिकल स्टोर कोसीकला के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
वहीं मई महीने में निखिल मेडिकोज होलीगेट, दीपक मेडिकोज कोसीकला, शिवम मेडिकोज होलीगेट, न्यू उषा मेडिकोज होलीगेट और निश्चल मेडिकोज होलीगेट के खिलाफ कार्रवाही की गई। इनके लाइसेंस भी निरस्त कर दिए गए हैं। जो लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं उनकी बिल बुक सही नहीं पाई गई, बिल सही नहीं कटे हुए थे। कामकाज में भी पारदर्शिता नहीं थी। एक ब्लड बैंक और एक इंडस्ट्री का भी निरीक्षण किया गया। कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।
शहर तक सीमित रही विभाग की कार्यवाही
विभाग की कार्यवाही इस दौरान शहर और शहर के आसपास के सटे हुए इलाकों तक ही सीमित रही। जबकि नियम का उल्लंघन कर दवाईयां बेचने का कारोबार शहर के बाहर भी बडे पैमाने पर हो रहा है। यहां लोगों के बीच जागरूकता की भी कमी है और शिकायत किससे और कैसे करें इसको लेकर भी समझ कम है। विभाग के अधिकारी भी शहर से बाहर निकले में असजह महसूस करते रहे हैं।
डा. अनिल कुमार आनंद, ड्रग इंस्पेक्टर
मेडिकल स्टोरों पर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। जांच के लिए नमूने लिए जा रहे हैं। फर्म पर जो भी कमियां मिलेंगी उसके सापेक्ष फर्म का निलंबन अथवा निरस्तीकरण किया जाता हैं। मेडिकल स्टोर संचालकों से अपील है कि जब भी दवा दें दवा के साथ बिल अवश्य दें। बिल नहीं देने पर फर्म को निलंबित करने और लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही भी की जा सकती है।