मेरठ। मेरठ के खैरनगर में भाई-बहन की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। पुलिस ने बच्चों की मां निशा व पूर्व पार्षद सऊद फैजी सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी पीयूष सिंह ने प्रेस वार्ता कर घटना का खुलासा कर दिया। दोनों बच्चों के शव रोहटा रोड स्थित पूटखास गंग नहर से बरामद हो गए हैं।
देहलीगेट थाना क्षेत्र के खैरनगर स्थित गूलर वाली गली निवासी महिला निशा बेग ने प्रेमी पूर्व पार्षद सऊद फैजी के साथ मिलकर अपने 10 साल के बेटे और छह साल की बेटी की हत्या कर दी थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद फैजी के यह बताने पर कि हत्या के बाद दोनों बच्चों के शव भोला की झाल पर गंगनहर में फेंक दिए हैं, आधी रात से ही पुलिस गंगनहर में भाई-बहन के शवों की तलाश में जुटी थी।
बुधवार शाम में बच्चे हो गए थे लापता
लालकुर्ती पैठ में जूते की दुकान पर काम करने वाले शाहिद बेग पत्नी निशा बेग, बेटे मेराब (10) व बेटी कोनेन (6) के साथ रहते हैं। मेराब सेंट जोंस स्कूल में कक्षा तीन और कोनेन सेंट जोंस गर्ल्स स्कूल में कक्षा दो की छात्रा थी। बुधवार शाम 7रू30 बजे भाई-बहन लापता हो गए थे।
खैरनगर में भाई-बहन के अपहरण का दिनभर माता-पिता ने हल्ला मचाया। एसओजी, सर्विलांस सहित दस टीमें बच्चों की तलाश में लगी रहीं। बच्चों की मां निशा बेग पर पुलिस का शक गहरा रहा था। रात में पुलिस ने दो महिला सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूर्व पार्षद सऊद फैजी के बारे में पूछताछ की।
इस दौरान निशा और सऊद फैजी के प्रेम-संबंध की पोल खुल गई। हत्या कर बच्चों के शव कहां फेंके, यह बात सिर्फ सऊद को पता था। उसकी तलाश में पुलिस ने फील्डिंग लगाई, तभी वह खुद देहलीगेट थाने पहुंच गया। वह बोला कि मैंने और निशा ने बच्चों को मारा है। उनके शव नहर में फेंक दिए हैं।
दस साल के मेराब और छह साल की कोनेन के अपहरण के बाद पुलिस ने दिनभर सीसीटीवी कैमरे देखे। कैमरे में मेराब बुधवार शाम 7ः20 बजे दिखाई दिया, जबकि पिता शाहिद ने पत्नी निशा से 7ः30 बजे फोन पर बात की थी। निशा ने दोनों बच्चों को घर पर होना बताया था।
पुलिस ने अंदेशा लगाया कि अपहरण से पहले बच्चा घर के बाहर घूम रहा था। पुलिस ने रात आठ बजे के बाद की सीसीटीवी फुटेज देखी। इसमें मेराब और कोनेन नहीं दिखे। पुलिस का शक गहराया कि मोहल्ले में दोनों बच्चों के अगवा होने का राज छिपा है। पड़ोसी महिला से निशा के चाल-चलन पर सवाल उठाकर बच्चों के साथ अनहोनी की बात पुलिस को बताई।
इसके बाद पुलिस ने निशा के मोबाइल की सीडीआर निकाली। इसमें सऊद फैजी से लंबी बातचीत मिली। पुलिस ने सऊद को ढूंढना शुरू किया तो वह फरार हो गया है। वहीं पुलिस सऊद के परिवार की दो महिला, निशा और दो अन्य लोगों को हिरासत में लेकर देहलीगेट थाने आ गई। बृहस्पतिवार रात 10रू30 बजे एसपी सिटी महिला पुलिस को साथ लेकर पूछताछ कर रहे थे। तभी पूर्व पार्षद भी थाने में पहुंच गया और बोला कि उसने दोनों बच्चों की हत्या कर दी है। उनके शव भोला झाल फेंके हैं।
सीओ कोतवाली अमित राय का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस टीम सुबह से बच्चों की तलाश में लगी थी। सीसीटीवी कैमरे में बच्चे नहीं दिखे। पुलिस ने महिला और तीन युवकों को पकड़ा। जिन्होंने बच्चों को भोला झाल पर फेंकना बताया है। एसओजी और देहलीगेट पुलिस नहर में बच्चों की तलाश में लगी है। पुलिस अभी मामले की गहनता से जांच करने में लगी है।
ट्यूशन शिक्षक को घर आने से किया था मना
पुलिस ने बताया कि बच्चों को सलमान नाम का शिक्षक घर पर ट्यूशन पढ़ाने के लिए रोज आते थे। बुधवार को निशा ने बच्चों की तबीयत खराब बताकर शिक्षक को मना कर दिया था। पुलिस ने सलमान और चार पड़ोसी सहित दस लोगों से पूछताछ की। दिनभर निशा रोने का नाटक करती रही। वहीं 500 मीटर के दायरे में पुलिस दिनभर जांच करती रही। रात में निशा और पूर्व पार्षद के प्रेम संबंध की पोल खुली, तब जाकर हत्याकांड का खुलासा हुआ।
सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध फोन नंबरों की पड़ताल की गईं। पिता शाहिद और मां निशा से भी पूछताछ की। दोनों अपनी हालत खराब बताते रहे। दंपती के बयानों को लेकर विरोधाभास था। कई बार निशा बोली, बच्चों को ढूंढकर ला दो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। शाहिद ने बताया कि पहले तीन बच्चे खो दिए। काफी मिन्नतों के बाद मेराब और कोनेन ने जन्म लिया।