मुंबई। अमेरिकी डॉलर में मजबूती के बीच निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं जिसके चलते शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 44 पैसे की गिरावट के साथ पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81 के स्तर को पार कर गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड के दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में भूराजनीतिक तनाव बढऩे की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं। इसके अलावा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट भी रुपये को प्रभावित कर रहे हैं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.08 पर खुला, फिर और फिसलकर 81.23 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 44 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
बृहस्पतिवार को रुपया 83 पैसे टूटकर 80.79 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। फेडरल रिजर्व ने प्रमुख नीतिगत ब्याज दर 0.75 फीसदी बढ़ाई है, वहीं बैंक ऑफ इंगलैंड ने भी बृहस्पतिवार को अपनी प्रधान ब्याज दर बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत कर दी। स्विस नेशनल बैंक ने भी ब्याज दर 0.75 फीसदी बढ़ाई है। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत चढ़कर 111.41 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.57 प्रतिशत गिरकर 89.94 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।