नई दिल्ली । सीमा पर जारी गतिरोध के बीच चीन की एक नापाक कोशिश का खुलासा हुआ है। चीन भारत के लद्दाख में अंधेरा फैलाने की कोशिश में है और इसके लिए वह भारत में बिजली क्षेत्र को टारगेट कर रहा है। संदिग्ध राज्य-प्रायोजित चीनी हैकरों ने हाल के महीनों में एक स्पष्ट साइबर-जासूसी अभियान के हिस्से के रूप में भारत में बिजली क्षेत्र को टारगेट किया है। यह खुलासा थ्रेट इंटेलिजेंस फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया।
अमेरिका में मैसाचुसेट्स स्थित निजी खुफिया फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीनी हैकर्स ने लद्दाख के पास भारतीय बिजली केंद्रों को निशाना बनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही के महीनों में हैकर्स ने उत्तर भारत में 7 लोड डिस्पैच सेंटर को निशाना बनाया।
यह लोड डिस्पैच सेंटर लद्दाख के क्षेत्रों में ग्रिड कंट्रोल और बिजली पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है। इन लोड डिस्पैच सेंटर में से एक को पहले एक अन्य हैकिंग ग्रुप, रेडइको द्वारा टागरेट किया जा चुका है। रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये वही हैकिंग ग्रुप है जिसे अमेरिका ने चीनी सरकार के साथ जोड़ा था।
रिकॉर्डेड फ्यूचर के अनुसार, टीएजी-38 नामक हैकिंग ग्रुप ने शैडोपैड नामक एक प्रकार के खतरनाक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है, जो पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और राज्य सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा था।
इन चायनीज हैकरों का मुख्य लक्ष्य लद्दाख में स्थित चिन्हित एसएलडीसी को हैक कर ब्लैकआउट यानी अंधेरा फैलना था। पॉवर ग्रिड के अलावा एक नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम और एक मल्टीनेशनल लोजिस्टिक्स कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी पर इसी तरह के खतरे की पहचान हुई है।
ये पहली बार नहीं है। भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव के साथ ही इस तरह की कई घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे पहले इसी कंपनी ने मुंबई में 12 अक्टूबर, 2020 को हुए 12 घंटे के ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ होने का खुलासा किया था। अब तक चीनी हैकर्स ने भारत की बिजली सप्लाई को ज्यादा टारगेट किया है।