मथुरा। अब ट्रांसजेंडर के पास भी अपना आईकार्ड होगा। हालांकि यह सुनिश्चित करना भी बहुत आसान नहीं होगा। ट्रांसजेंडर के बीच ही नकली असली का झगडा रहता है। पहचान पत्र मिलने के बाद ट्रांसजेंडर की कई तरह की परेशानियों का समाधान भी होगा। ट्रांस जेंडर के समूह को चिह्नित किया जायेगा। इसके बाद प्रदेश सरकार की योजनाओं से उनको रूबरू कराएंगे। इलेक्शन ऑफिस से संख्या का आंकड़ा लेने के बाद उनके घर के आसपास मूलभूत सुविधा हैं बेहतर की जायेंगी। बुजुर्ग किन्नरों को गरिमा ग्रह में रखा जायेगा।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने भी समाज कल्याण विभाग को निर्देशित किया है कि इलेक्शन ऑफिस से वह किन्नरों के नाम पते लें। चयनित ट्रांसजेंडर को समाज कल्याण विभाग की ओर से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। ट्रांस जेंडर पोर्टल ट्रांसजेंडर को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि इसके पीछे सरकार की मंशा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। अभी तक ट्रांसजेंडर सरकारी की तमाम योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते थे।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ट्रांस जेंडर को तलाश कर उनके पहचान पत्र बनाएगा। करीब तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की प्रमुख सदस्य श्रीमती देविका देवेंद्र एस मंगला मुखी के द्वारा मथुरा में जनपद स्तरीय कल्याण बोर्ड के सदस्यों के साथ समीक्षा की गई थी। प्रत्येक अस्पताल में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों हेतु एक अलग वार्ड की व्यवस्था करने का निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, ओपीडी के समय इनके लिये एक अलग से लाइन लगाने की व्यवस्था की जाए। नगरीय क्षेत्रों में बने सुलभ शौचालयों में कम से कम एक शौचालय ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये आरक्षित कर दिया जाए । ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से विशेष पुलिस अधिकारी रखने की बात भी हुई थी। किन्नरों के पहचान पत्र बनाने के लिए सरकार ने ट्रांसजेंडर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा। इसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई। लेकिन मथुरा के किन्नर ट्रांसजेंडर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में पीछे हैं। मथुरा में किन्नरों की अच्छी खासी संख्या है लेकिन अपने पहचान पत्र बनवाने में उनकी रुचि या तो दिखाई नहीं दे रही या उनको जानकारी ही नहीं है।