
उर्स-ए-पाक का समापन, बांटा लंगर
गोरखपुर। रहमतनगर स्थित दरगाह पर हज़रत मोहम्मद अली बहादुर शाह अलैहिर्रहमां के 106वें उर्स-ए-पाक का समापन कुल शरीफ व दुआ ख़्वानी के साथ हुआ। अकीदतमंदों में लंगर बांटा गया।
दरगाह से मोहब्बत व भाईचारगी का पैग़ाम आम करने की नसीहत मिली। वहीं नेक बनने, शरीअत पर अमल करने, इल्म हासिल करने, फराइज को उनके वक्त पर अदा करने, सुन्नतों से नाता जोड़ने, बुराई से बचने, पड़ोसियों, रिश्तेदारों व सभी के साथ अच्छा व्यवहार करने का पैग़ाम भी मिला। अली गजनफर शाह ने कहा कि हिन्दुस्तान में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान अन्य समाजों के साथ शांतिपूर्वक रह रहे है तो वह दीन-ए-इस्लाम की तालीम व औलिया किराम का फ़ैजान है। दीन-ए-इस्लाम की मंशा दुनिया में शांति स्थापना की है।
अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। उर्स-ए-पाक में मौलाना अली अहमद, तौसीफ अहमद, अली अख़्तर शाह, फिरोज अहमद, मो. फैज़, अरशद, जैद चिंटू, अमान, शाहिद, शहबाज, आसिफ, आरिफ, रेयाज, समीर अली, अली जफ़र शाह, अली मुजफ्फर शाह आदि ने शिरकत की।