February 23, 2025
दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता हैः कारी अनस

मरकजी मदीना जामा मस्जिद में महफिल-ए-मिलादुन्नबी

गोरखपुर। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में महफिल-ए-मिलादुन्नबी हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। नात-ए-पाक पेश की गई।
मुख्य वक्ता मुफ़्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि अल्लाह ने अपनी जात के बाद हर खूबी और कमाल का जामे पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को बनाया। अल्लाह ने अपने तमाम ख़जानों की कुंजियां पैग़ंबरे इस्लाम को अता फरमा दीं। दीन व दुनिया की तमाम नेमतों का देने वाला अल्लाह है और बांटने वाले पैग़ंबरे इस्लाम हैं।

विशिष्ट वक्ता कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह का कलाम है। यह एक मात्र किताब है जो सारी किताबों की सरताज है। यहां तक कि कयामत तक पैदा होने सारे सवालों का जवाब क़ुरआन-ए-पाक में है। दीन-ए-इस्लाम ने इस किताब के जरिए जो कानून अता किए हैं उनसे इंसानियत की हिफ़ाजत होती है और आदमियत का वकार बढ़ता है। दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता है।
विशिष्ट वक्ता नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैग़ंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अतरू अल्लाह की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अल्लाह की जन्नत में दाख़िल होगे।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान व भाईचारे की दुआ मांगी गई। महफिल में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, हाफिज रहमत अली निजामी, हाफिज महमूद रज़ा कादरी, हाफिज जुनैद, कासिद रज़ा, फहीम रज़ा, हलचल गोरखपुरी सहित अकीदतमंद शामिल हुए।

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