14,57,126 will be recovered in case of embezzlement from two former princes
देवरिया । जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1947 की धारा 27 में दिए गए प्राविधानों के अंतर्गत गबन के दो भिन्न-भिन्न प्रकरण में जांचोपरांत दो पूर्व प्रधानों से 14,57,126 रुपये का सरचार्ज वसूलने का निर्देश दिया है। दोनों पूर्व प्रधानों को यह राशि 15 दिन के भीतर ग्राम निधि में जमा करनी होगी। निर्धारित अवधि में धनराशि जमा नहीं करने पर भू राजस्व बकाये की भाँति धनराशि की वसूली की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जंगल अकटहा, विकासखंड गौरी बाजार निवासी आशुतोष सिंह ने अपने शिकायती पत्र में शौचालय निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों में गबन की शिकायत की थी इसकी जांच जिला क्रीड़ा अधिकारी एवं सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में 25,04,845 रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग की बात सामने आई। उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 में निर्धारित प्राविधानानुसार तत्कालीन प्रधान रामचंद्र निषाद से आधी धनराशि 12,52,422 रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया गया है।
सरकारी धन के दुरुपयोग के एक अन्य प्रकरण में संतोष पांडेय, निवासी बभनौली, विकासखंड गौरी बाजार ने शपथ पत्र के माध्यम से ग्राम सभा में कराए गए निर्माण कार्य में 14 बिंदुओं में अनियमितता की शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता (ग्रामीण अभियंत्रण विभाग) एवं सहायक अभियंता (लोक निर्माण विभाग) को प्रकरण की जांच के लिए नामित किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में इंडिया मार्का हैंडपंप के रिबोर कार्य तथा प्राथमिक विद्यालय पर प्लास्टर एवं रँगाई कार्य में 4,09,408 रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग हेतु बभनौली के तत्कालीन ग्राम प्रधान नन्दलाल पांडेय को दोषी पाया। डीएम ने तत्कालीन प्रधान से कुल धनराशि की आधी धनराशि 2,04,704 रुपये वसूलने वसूलने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इन दोनों तत्कालीन प्रधानों ने निर्धारित समयावधि में सरचार्ज जमा नहीं किया तो उनसे पूरी राशि की वसूली भू राजस्व वसूली प्रक्रिया के तहत की जाएगी।