संदिग्ध परिस्थितियों में हुई युवक की मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने न्याय के लिये अनुसूचित जाति आयोग तथा अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी से घटना की निष्पक्ष जांच कराने के साथ हीं शव का पुनः पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी,
जौनपुर । सरपतहां थाना क्षेत्र के भिवरहां कला गांव में लगभग 10 महीने पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में हुई युवक की मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने न्याय के लिये अनुसूचित जाति आयोग तथा अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी से घटना की निष्पक्ष जांच कराने के साथ हीं शव का पुनः पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी,जिसके सम्बन्ध में मृतक के परिजन की मांग पर प्रकरण की पुनः विवेचना अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा किए जाने के साथ हीं शव को जमीन से निकालकर पुनः पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया गया।प्रकरण की वीडियोग्राफी कराने के साथ हीं बुधवार को नामित एसडीएम न्यायिक कुनाल गौरव चिकित्सकों की टीम के साथ क्षेत्राधिकारी शाहगंज अंकित कुमार थानाध्यक्ष सरपतहां संजय कुमार सिंह व भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में जमीन की खुदाई कर शव को बाहर निकालकर फिर से पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा गया।
ज्ञात हो कि राजेश गौतम 29 दिसम्बर को घर से निकला था और घर वापस नहीं लौटा,परिवार वाले उसकी खोजबीन शुरू किए,लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। परिजनों ने 30 दिसम्बर को थाने पर इसकी लिखित सूचना दी थी। प्रकरण में पुलिस गुमशुदगी का मुकदमा पंजीकृत कर युवक की तलाश कर रही थी तथा मृतक के मोबाइल और लोकेशन के आधार पर पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। 04 जनवरी की रात थाना क्षेत्र के कशियापुर गांव स्थित नट बस्ती के पास कुएं में एक ब्यक्ति के शव होने की सूचना मिली। कथित तौर पर मृतक के चेहरे पर चोट के निशान थे तथा शव विकृत हो चुका था। परिजनों द्वारा शव की पहचान राजेश गौतम के रूप में की गई थी। पुलिस ने आवश्यक विधिक कार्यवाही करते हुए शव को कब्जे में लेकर ग्राम प्रधान की तहरीर पर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम के उपरांत मृतक के परिजन शव का अन्तिम संस्कार नहीं कर रहे थे, मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को समझा-बुझाकर किसी तरह शव का अन्तिम संस्कार करने के लिए सहमत किया था,जिसके उपरांत परिजन घर के पास हीं खेत में जमीन की खुदाई कर शव को दफनाकर अन्तिम संस्कार कर दिया था।
घटना के सम्बन्ध में परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की थी। कथित तौर पर मामला प्रेम प्रसंग से भी जोड़ कर देखा जा रहा था। प्रकरण में पुलिस की विवेचना से असंतुष्ट परिजनों ने निष्पक्ष जांच हेतु अनुसूचित जाति आयोग समेत उच्च अधिकारियों से अपील की थी,जिसके बाद मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा किए जाने के साथ हीं शव को निकालकर पुनः पोस्टमार्टम कराने का आदेश हुआ था।