मेरठ। मेरठ में पिछले तीन माह में परिवार परामर्श केंद्र में आए लगभग 55 प्रार्थना पत्र ऐसे थे, जिसमें पतियों ने पत्नियों के अन्याय से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई। किसी की पत्नी मारपीट करती है तो किसी की पत्नी घर में सफाई कराती है। कई मामले ऐसे थे जिसमें पत्नी हर वक्त टीवी देखने या मोबाइल पर ही व्यस्त रहती थी। वर्ष 2022 में भी इसी तरह के 450 प्रार्थना पत्र आए थे, जिसमें पत्नियों पर लड़ाई-झगड़ा, मारपीट करने के आरोप लगाए थे।
केस एक
लिसाड़ी गेट के रहने वाले एक युवक ने फरवरी में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी शादी छह माह पहले हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पत्नी लड़ाई-झगड़े पर उतारू रहती है। उससे घर की सफाई कराती है। जब उसने काम करने से मना कर दिया तो पत्नी ने मारपीट की और मायके जाकर रहने लगी। युवक ने गुहार लगाई कि पत्नी को समझाकर घर लाया जाए। पुलिस ने पति-पत्नी और उनके परिवार को बुलाकर बातचीत कराई, तब जाकर दोनों दोबारा साथ रहने के लिए तैयार हुए।
केस दो
कबाड़ी बाजार निवासी व्यक्ति ने भी शिकायत की। इसमें उसने बताया कि उसके दो बच्चे आठवीं-नौंवी कक्षा में पढ़ते हैं और हास्टल में रहते है। वह प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है, जब भी घर पर आता है तो खाना खुद बनाना पड़ता है। उसकी पत्नी हर समय टीवी या मोबाइल में व्यस्त रहती है। जब वह मना करता है तो घर में झगड़ा होता है। पत्नी के मायके वाले भी उसका ही साथ देते हैं।
आंचल शर्मा, प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र
अधिकतर प्रार्थना पत्र में पतियों पर आरोप लगते हैं। पिछले कुछ समय से ऐसे भी केस आ रहे हैं, जिसमें पति अपनी पत्नी की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। दोनों ही मामलों में प्रयास रहता है कि उनके बीच सुलह करा दी जाए।