
रांची । कब्रिस्तान में कब्र के सामने लगे बोर्ड के अनुसार उनकी मौत 31 जनवरी 2010 को हुई है। वहीं निजामुद्दीन मियां उर्फ नसीम उर्फ गोदो मियां की मौत 01 जुलाई 2022 को हुई है। जबकि प्राथमिकी 11 सितंबर 2022 को लिखी गई है।
ग्रामीणों ने कब्रिस्तान ले जाकर कब्र के समक्ष लगे बोर्ड को दिखाते हुए कहा कि दोनों कब्र में दफन हैं जबकि पुलिस ने इन्हें सड़क जाम करने के मामले में आरोपित बना दिया है। बताया कि आखिर कब्र में दफन लोग रोड जाम कैसे कर सकते हैं। कहा कि पुलिस इन्हें गांव में खोज रही है जबकि ये कब्र में हैं। इन दिनों अपने कारनामे से सारठ पुलिस चर्चा में है। लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। जरकाही (बंझेटा) गांव के सूफी जमाल के हत्या के मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम करने के मामले में पुलिस ने 29 नामजद के विरुद्ध सड़क जाम करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी की थी।
बताया जा रहा है कि उसमें से 18 नामजद पीड़ित परिवार से जुड़े लोग हैं। पुलिस ने दो ऐसे लोगों को आरोपित बना दिया जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है। गांव के पूर्व वार्ड सदस्य अकरामूल अंसारी व अन्य ने बताया कि राजन मियां उर्फ रियाज पिता हबीस मियां की मौत 12 वर्ष पूर्व हो गई है। कब्रिस्तान में कब्र के सामने लगे बोर्ड के अनुसार उनकी मौत 31 जनवरी 2010 को हुई है। वहीं निजामुद्दीन मियां उर्फ नसीम उर्फ गोदो मियां की मौत 01 जुलाई 2022 को हुई है। जबकि प्राथमिकी 11 सितंबर 2022 को लिखी गई।
यहां एक हत्या के मामले में 11 सितंबर को थाने के सामने करीब चार घंटे तक सड़क जाम कर पुलिस का विरोध किया गया था, इधर ग्रामीणों के आक्रोश के बाद पुलिस ने आरोपित सिराज पर दबिश दी तो उसने सरेंडर कर दिया। मृतक की मां नुरबानू बीबी, भाई सराफत अंसारी आदि ने बताया कि पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करके पिछले चार जुलाई की आधी रात को दो मंजिला छत पर सो रहे सूफी जमाल की चाकू मार हत्या की गई थी। मृतक के पिता सोहराब मियां के आवेदन पर पुलिस ने सिराज अंसारी व दो अन्य के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी लिखी। पुलिस ने आरोपित सिराज को उनके घर से गिरफ्तार कर थाना के हाजत में बंद कर दिया। उसके बाद पुलिस ने सिराज को थाने से छोड़ दिया। वहीं एक किशोरी को हत्या के आरोप में पकड़ कर रिमांड होम में भेज दिया। स्वजन व ग्रामीणों ने पुलिस के समक्ष हत्यारा दिया। मृतक की मां नुरबानू बीबी, भाई सराफत अंसारी आदि ने बताया कि पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करके नहीं छोड़ती तो सड़क जाम करने की नौबत नहीं आती। मामले में पुलिस ने मृत व्यक्ति को भी आरोपित बना दिया।