ग्वालियर। मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने पांच पुलिसकर्मियों समेत एक होमगार्ड सैनिक पर 20 लाखरुपए का जुर्माना लगाया। मामला पांच साल पहले पुलिस कस्टडी में मौत का है। हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए हैं। होईकोर्ट की सिंगल बैंच ने कहा- ग्वालियर पुलिस शुरु से ही जांच को प्रभावित करने में सक्रिय रही। ऐसे में जांच सीबीआई के सुपुर्द की जाती है। मामले से जुड़े सभी (पांच) पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए और उनका मुख्यालय ग्वालियर से 700 किलोमीटर दूर रखा जाए। ट्रायल पूरा होने तक इन्हें निलंबित ही रखा जाए।
मामला दस अगस्त, 2019 का है। ग्वालियर जिले के बेलगढ़ा निवासी सुरेश रावत खेत में खाद छिड़क रहा था। इसी दौरान पड़ोस के खेमू शक्य से विवाद हो गया। बाद में पुलिस ने सुरेश रावत को थाने में बैठा लिया। उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी। सुरेश के बेटे अशोक रावत के अनुसार, बेलगढ़ा पुलिस ने रिपोर्ट लिखने मना कर दिया। 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। कहने लगे पैसे नहीं दोगे, तो सुरेश नहीं छूटेगा। तब वह अपने समधी मंगल सिंह के साथ बाहार खड़ा हो गया। थाने में मारपीट की आवाज आई, तो वह दौड़कर अंदर गया। उसे पुलिसवालों ने आगे जाने से रोक दिया। थोड़ी देर बाद पता चला कि पिता सुरेश की हालत खराब हो गई है। पुलिसकर्मी विजय सिंह राजपूत, नीरज प्रजापति, विजय कुशवाहा, अरुण मिश्रा, धर्मेन्द्र, होमगार्ड सैनिक एहसान खान पिता को मृत अवस्था में उठाकर बाहर लाए। पुलिस की गाड़ी में रखकर भितरवार अस्पताल ले गए। उनके साथ मंगल सिंह और मैं भी गाड़ी में बैठकर भितरवार अस्पताल आए थे। अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों ने उन्हें चेक किया तो मृत घोषित कर दिया।
अशोक ने बताया कि पुलिस ने पिता की मौत के बाद केस दर्ज किया। हमने पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज कराया। हत्या के केस में न्यायालय में तभी से सुनवाई चल रही है। आदेश से न्यायपालिका पर विश्वास मजबूत हुआ है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया ने आदेश दिया कि पुलिसकर्मियों और होमगार्ड सैनिक से क्षतिपूर्ति राशि वसूल कर मृतक के परिवार को दी जाए।
एसपी ये जुर्माना हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के पास पांच जनवरी, 2023 तक जमा कराएंगे। किससे कितनी वसूली होगी – विजय सिंह राजपूत से दस लाख रुपए (रिटा. व तत्कालीन थाना प्रभारी), प्रधान आरक्षक अरुण मिश्रा से पांच लाख रुपए, आरक्षक नीरज प्रजापति से दो लाख रुपए, आरक्षक धर्मेन्द्र से एक लाख रुपए, आरक्षक विजय कुशवाह से एक लाख रुपए तथा होमगार्ड एहसान खान से एक लाख रुपए की वसूली की जाएगी।
एडवोकेट निर्मल शर्मा ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देशित किया है कि यदि जांच में कोई लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित जांच करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए।