
मोहल्ला रहमतनगर में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा
गोरखपुर। सोमवार को नौज़वान कमेटी की ओर से मोहल्ला रहमतनगर में जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज इशराक ने की। संचालन कारी नसीमुल्लाह ने किया।
मुख्य अतिथि गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इल्म की खास अहमियत व फज़ीलत को बार-बार ज़िक्र फरमाया है। अल्लाह व पैग़ंबरे इस्लाम ने तमाम इंसानों को इल्म के जेवर से आरास्ता होने का पैग़ाम दिया। असल इल्म वह है जिसके ज़रिए इंसान अल्लाह व पैग़ंबरे इस्लाम को पहचाने। दीन का इल्म एक ऐसा समंदर है जिसका कोई किनारा नहीं। इंसान को हर वक़्त इल्म हासिल करने की कोशिश करते रहना चाहिए। इल्म की अहमियत के साथ अल्लाह ने उलमा किराम के मुताल्लिक़ यह ऐलान फरमा दिया कि ‘अल्लाह से उसके बंदों में से वही लोग डरते हैं जो इल्म रखते हैं।’ दीन के इल्म से ही दोनों जहां में बुलंद व आला मक़ाम मिलेगा।
दीन के इल्म से ही दोनों जहां में बुलंद व आला मक़ाम मिलेगाः मोहम्मद अहमद
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अध्यक्षता करते हुए नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम ने औरतों को काफी ऊंचा मर्तबा अता किया है। बच्चियों को ज़िंदा दफ़्न करने की पाश्विक प्रथा का खात्मा कर और बेवा से निकाह कर पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने औरतों को इज़्ज़त के साथ जीने का हक़ दिलाया साथ ही बाप की जायदाद में हिस्सा भी दिलाने का काम किया। वहीं पर्दा वास्तव में एक सुरक्षा कवच है, जो गैर मर्दाे की बुरी नज़र से औरतों की हिफ़ाजत करता है। दिल में खौफे खुदा पैदा करें। पाबंदी के साथ नमाज़ पढ़ें। शरीअत पर चलें। मुसलमानों को दीन-ए-इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। बुराई को छोड़ना चाहिए। अच्छाई को अपनाना चाहिए। अपने बच्चों को दीनी तालीम जरूर दिलवाएं। साथ ही दुनियावी तालीम भी दिलवाएं।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर देश की तरक्की एवं खुशहाली के साथ ही पूरी दुनिया में अमन कायम रहने की सामूहिक दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में मौलाना अली अहमद, हाफिज एमादुद्दीन, कासिद रज़ा इस्माइली, मौलाना रेयाज अहमद, सैयद शहबाज, सैयद ज़ैद, अमान सिद्दीक़ी, जैद सिद्दीक़ी, सैयद शहनवाज, फराज अली, शाद अली, हुसैन अहमद, हस्सान अहमद आदि ने शिरकत की।