गिरफ्तार कर लिया और लेकर लखनऊ चली गई
गोरखपुर । लखनऊ की हुसैनगंज कोतवाली पुलिस ने आज बुधवार को गोरखपुर के राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज जंगल अहमद अली शाह तुरा बाजार के संचालक अभिषेक यादव को उसके उसके कोतवाली क्षेत्र स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। उसके विरुद्ध कोतवाली व पिपराइच व लखनऊ के हुसैनगंज कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत हैं।
फर्जी मान्यता को लेकर उसके कालेज में पढऩे वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं पिछले तीन माह में दर्जन भर से अधिक बार प्रदर्शन कर चुके हैं। लखनऊ के हुसैनगंज कोतवाली की पांच सदस्यीय टीम बुधवार भोर में अभिषेक यादव के कोतवाली क्षेत्र के दुर्गाबाड़ी स्थित आवास पर पहुंच गई। टीम ने वहां से अभिषेक यादव को गिरफ्तार कर लिया और वह उसे वहां से लेकर लखनऊ चली गई।
अभिषेक यादव के कालेज राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज जंगल अहमद अली शाह तुरा बाजार के विरुद्ध बीते 17 मार्च को पिपराइच थाने में जालसाजी व गबन का एक और मुकदमा दर्ज हुआ था। तहसीलदार सदर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने तहरीर के जरिये आरोप लगाया था कि कालेज ने वहां पढऩे वाले छात्रों एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग के छात्रों से निर्धारित मानक से अधिक शुल्क वसूला गया है।
तहसीलदार सदर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने गुरुवार को पिपराइच थाने में तहरीर देकर बताया कि राज नर्सिंग एंड पैरा मेडिकल कालेज ने वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 में छात्र-छात्राओं से एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए मनमाना शुल्क वसूला गया है। पिछले चार वर्षों में कालेज के किसी भी छात्र को कालेज से कोई डिग्री नहीं दी गई है। कालेज ने वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कालेज की जांच कराई तो वहां की मान्यता भी फर्जी पाई गई। कूटरचना करके छात्र-छात्राओं को गुमराह किया गया।
बीते आठ जनवरी को शासन के संयुक्त सचिव अनिल सिंह की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने राज स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज के संचालक के विरुद्ध जालसाजी व कूटरचना के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। शासन के संयुक्त सचिव ने भी कालेज प्रशासन पर फर्जी मान्यता का आरोप लगाया था। साथ ही यह भी बताया था बिना मान्यता के कालेज प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं का प्रवेश लेकर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
सीओ चौरीचौरा अखिलानंद उपाध्याय ने बताया कि कालेज के विरुद्ध पिपराइच थाने में मुकदमा दर्ज था। मामले की जांच की जा रही थी। फर्जी मान्यता के आधार पर छात्रों का प्रवेश लिया गया था और उनसे मनमाना शुल्क वसूला गया था। लखनऊ पुलिस उसे गिरफ्तार करके अपने साथ लेती गई।