December 22, 2024
बड़ी खबर: सिगरेट, गुटखा बेचने वाले दुकानदार हो जाए सावधान, अब सिगरेट, गुटखा बेचने को लेना होगा लाइसेंस

Shopkeepers selling cigarettes, gutkha should be careful, now license will have to be taken to sell cigarettes, gutkha

मथुरा। सिगरेट, गुटखा सहित दूसरी धूम्रपान के पदार्थ बेचने वालों को अब लाइसेंस लेना होगा। बिना लाइसेंस के दुकानदार अगर इस तरह के पदार्थ बेचते पाए जाते हैं तो उनके ऊपर कार्यवाही होगी। सिगरेट, गुटखा बेचने वाले दुकानदार सावधान हो जाएं। अब बिना लाइसेंस के सिगरेट गुटखा नहीं बेच सकेंगे जी हां स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जनपद में एक ऐसी योजना बनाई जा रही है कि कोई भी छोटा बड़ा दुकानदार बिना लाइसेंस के धूम्रपान नहीं बेच सकेगा। इसके लिए जुर्माने की राशि निर्धारित की गई है।

संयुक्त विभागों द्वारा 15 मई से 15 जून तक विशेष तंबाकू निषेध अभियान चलाया जाएगा। जिसमें जनपद स्तर पर जिला समन्वय समिति तथा ब्लॉक स्तर पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति बैठक आयोजन कर तंबाकू नियंत्रण के लिए अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। प्रति सप्ताह स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग व अन्य के द्वारा संयुक्त रूप से छापामारी एवं चालान गतिविधि चलाई जाएंगी। एनटीसीपी, एनपीसीडीसीएस, एनएमएचपी कार्यक्रमों के अंतर्गत कार्यरत काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों के माध्यम से तंबाकू का सेवन कर रहे व्यक्तियों की काउंसलिंग की जाएगी।

ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक में तंबाकू उपभोक्ता से होने वाली हानियों के संबंध में प्रचार प्रसार के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो विजुअल व अन्य व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा वाहनों में ऑडियो क्लिप के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।

समस्त सरकारी अस्पतालों में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रॉल के माध्यम से तंबाकू निषेध संबंधित सूचना प्रसारण। जनपद, ब्लॉक स्तर पर रैली, गोष्टी, नुक्कड़ नाटक, कार्यशाला, पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार। आशा आंगनवाड़ी के सहयोग से ग्राम स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा। वहीं नगरीय क्षेत्र में नगर निगम के इंस्पेक्टर जांच करके देंगे।

अपर नगर आयुक्त, पर्यावरण अधिकारी और कर विभाग इसका लाइसेंस जारी करेंगे। इस तरह का कार्यक्रम सबसे पहले लखनऊ में चलाया गया। उसके बाद मुरादाबाद और मथुरा में चलाए जाना है।

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