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भोपाल। हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 की शुरुआत चैत्र प्रतिपदा पर आज उगते सूर्य को अघ्र्य देकर नववर्ष की अगवानी की गई। वहीं आज चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा और चेटीचंड उत्सव मनाया जा रहा है। शहर के देवी मंदिरों में जहां देवी की आरती और विशेष श्रृंगार किए गए हैं, वहीं महाराष्ट्रीयन समाज विजय पताका के रूप में घरों पर गुड़ी बांधी गई। सिंधी समाजजन चेटीचंड पर भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाला। जानकारों की माने तो हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इसी दिन से ब्रह्मा जी ने इस संसार की रचना शुरू की थी। इसी दिन से राजा विक्रमादित्य ने अपना राज्य शुरू किया इसलिए विक्रम संवत् भी इस दिन से शुरू होता है।
इस बार चैत्र नवरात्र पूरे 9 दिन की रहेगी। तिथियों में भी कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा। घट स्थापना के साथ ही 9 दिनों के व्रत शुरू हो गए हैं और देवी मंदिरों में श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इस बार अश्व पर सवार होकर मां दुर्गा का आगमन हुआ है। इस बार सभी तिथि उदयाकालीन होने के चलते किसी भी तिथि का क्षय न होने से माता की आराधना पूरे नौ दिन मिलेंगे।
हिंदू नववर्ष में 1563 साल बाद दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे। वहीं शनि खुद की राशि मकर में होगा। नव वर्ष का सूर्य उदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से मिथुन, तुला, धनु राशि वाले लोगों के लिए शुभ रहेगा। अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। यह ग्रहों का संयोग 1563 साल बाद बना है। इससे पहले 22 मार्च 459 को बना था। वर्ष का शुभारंभ रेवती नक्षत्र में होगा। इसका स्वामी बुध होने के कारण कारोबार में फायदा देगा। बड़े लेन-देन होंगे। मीन राशि के कारण समय शुभ रहेगा। मंगल के प्रभाव से प्रापर्टी के कारोबार में तेजी आने के योग हैं।