नई दिल्ली । महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में शह और मात का खेल जारी है। एक तरफ बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। तो वहीँ, दूसरी तरफ विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे से अलग होते दिखाई दे रहे हैं। हालाँकि, राजनीतिक संकट के बावजूद शिवसेना मजबूत होने का दावा कर रही है। अबतक शिवसेना की तरफ से 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग उठाते हुए डिप्टी स्पीकर को पत्र भेजा गया है। दूसरी तरफ शिंदे खुद को विधायक दल का नेता बता रहे हैं।
इसी बीच शिवसेना ने कल दोपहर एक बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। वहीं अभी मातोश्री में राजनीतिक संकट से उबरने के लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच आगे की रणनीति को लेकर करीब डेढ़ घाटे तक चर्चा हुई। एक ओर जहां मातोश्री में उद्धव ठाकरे की शरद पवार के साथ बैठक हो रही है। तो वहीं उनके घर के बाहर सड़क पर हजारों शिवसैनिक उनके समर्थन में जुट गए हैं।
बात बीते दिन की करें तो कल हुई शिवसेना विधायकों की मीटिंग में पार्टी के सिर्फ 13 विधायक पहुंचे थे, जबकि महाराष्ट्र में उनके 55 विधायक हैं। यानी यह साफ हो चला है कि बाकी 42 विधायक शिंदे गुट के साथ हैं। इसमें से 38 विधायक शिंदे के पास गुवाहाटी पहुंच भी चुके हैं। यानी अब शिंदे गुट पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा।