
लखनऊ। अमेठी के आरिफ के बाद अब उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के अफरोज पर सारस रखने का मामला दर्ज किया गया है। 27 साल के मोहम्मद अफरोज का एक सारस से गहरा नाता है, जो उड़कर उनके गांव के मछली तालाब में आया और पिछले साल सितंबर से उनके साथ रहने लगा।
अफरोज पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद हुई। इस पोस्ट में सुल्तानपुर में एक स्थानीय व्यक्ति और सारस के बीच अनोखे बंधन को साझा किया गया।
इस पोस्ट के बाद मोहम्मद आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और सारस को वन विभाग द्वारा ले जाया गया।
सुल्तानपुर में लंभुआ तहसील में एक मोबाइल हैंडसेट स्टोर के मालिक मोहम्मद अफरोज के अनुसार, उन्हें सितंबर 2022 में गांव के मछली पकडऩे के तालाब के पास सारस मिला था।
उन्होंने कहा, मैंने सारस को अकेला पाया और उसे वैसा ही खाना दिया जैसा कोई अन्य इंसान करता है। मैं हैरान था कि जब मैंने घर जाना शुरू किया, तो सारस मेरा पीछा करने लगा और मेरे घर पहुंच गया।
उन्होंने कहा, श्हम पहले से ही एक सारस के साथ रहने के आदी थे, क्योंकि मेरे पिता मोहम्मद शफीक के पास 2019 से एक सारस पक्षी था। उन्होंने इसे एक खेत में पाया था और बाद में पक्षी उनके साथ रहने लगा और पूरे परिवार के साथ घुलमिल गया। हम प्यार से उसे श्स्वीटी्य कहते थे।
उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में सोनबरसा गांव में करंट लगने से स्वीटी की मौत हो गई।
After Arif in UP, now Afroz has been booked for keeping a stork
अफरोज ने कहा, सारस की मौत से मेरे पिता सदमे में थे, उनके स्वास्थ्य पर असर पडऩे लगा था। जब हमने इस सारस को देखा, तो इसका नाम भी स्वीटी रख दिया, इसके आने से मेरे पिता के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है।
सुल्तानपुर के डीएफओ आर.के. त्रिपाठी ने कहा कि कानून के अनुसार सारस वन्य जीव अधिनियम के तहत संरक्षित पक्षी है और इसे घर/निवास में नहीं रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा, हमने पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया है और अफरोज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उसके बयान दर्ज किए गए हैं और एक टीम मामले की जांच कर रही है।
इस बीच, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने उत्तर प्रदेश के वन, वन्य जीवन के प्रधान मुख्य संरक्षक ममता संजीव दुबे को एक अनुरोध भेजा है, जिसमें उनका पुनर्वास करने और तुरंत कानपुर चिडिय़ाघर से सारस को पक्षी के प्राकृतिक आवास में वापस छोडऩे का अनुरोध किया गया है।
पेटा इंडिया क्रुएल्टी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर सलोनी सकारिया ने एक अपील में कहा, एक चिडिय़ाघर में रह रहे जानवर, जिन्होंने कोई अन्य जीवन के बारे में नहीं जाना है, अपने कारावास में विक्षिप्त और उदास रहते है।