November 24, 2024
रूसी राष्ट्रपति की चेतावनी से दुनियाभर में खलबली, न्यूक्लियर वॉर का खतरा मंडराया

वॉशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से जंग जारी है। इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दो दिन में दो ऐसे ऐलान कर दिए हैं, जिसके बाद दुनियाभर में हलचल तेज हो गई है। जहां पुतिन ने यूक्रेन के चार हिस्सों यानी लगभग 20 प्रतिशत भूभाग को रूस मिलाने की तैयारी की है, वहीं 3 लाख रिजर्व सैनिकों के आंशिक तौर पर तैनाती का आदेश भी दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिमी देशों को भी साफ शब्दों में चेतावनी दे दी है कि अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ, तो वे रूस के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे।
रूस यूक्रेन के डोनेत्स्क, लुहांस्क, खुरासान और ज़ापोरिज्जिया को अपना हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है। पुतिन ने इन इलाकों में जनमत संग्रह कराने का आदेश दिया है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को मुक्त करा लिया गया और डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक डीपीआर को भी आंशिक रूप से मुक्त करा लिया गया है। इसी बीच रूस के रक्षा मंत्री ने बताया कि देश में 3,00,000 रिजर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा।

पुतिन का ये ऐलान यूक्रेन ही नहीं पोलैंड, रोमानिया, मॉल्डोवा, स्वीडन, फिनलैंड जैसे देशों के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है। दरअसल, युद्ध के दौरान ये देश खुलकर यूक्रेन के समर्थन में हैं। स्वीडन, फिनलैंड ने तो रूस की चेतावनी के बाद नाटो की सदस्यता के लिए भी कदम बढ़ाए हैं। उधर, पुतिन की धमकी पर अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, कनाडा तक प्रतिक्रिया दी है।
पुतिन की इस धमकी के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी प्रतिक्रिया दी। जो बाइडेन ने कहा कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों का बेशर्मी से उल्लंघन किया है। यूएन असेंबली सेशन में अपने संबोधन में बाइडेन ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की नई धमकी ने परमाणु हथियारों को लेकर की गई संधि की उपेक्षा दिखाई है। उन्होंने कहा कि परमाणु युद्ध कभी नहीं जीता जा सकता, इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए।
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि रूस द्वारा सैनिकों की तैनाती का आदेश यह दिखाता है कि वे यूक्रेन पर अपने आक्रमण में असफल रहे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस ने इतने सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है। उधर, ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि सैनिकों को जुटाने के पुतिन के फैसले से पता चलता है कि उनका आक्रमण विफल हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!