
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर। पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्मदिन रविवार को जश्न ए ईदमिलादुन्नबी के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर शिया समुदाय द्वारा नबी का जन्मदिन वक़्फ़ इमामबाड़ा रानी अशरफुननिशा खानम में मनाया गया। बताते चलें कि पैगम्बर मोहम्मद सहाब का जन्म दिन हफ्ता ए वहदत के रूप में 12 से 17 रबिलव्वल तक मानया जाता है।
इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का संचलन करते हुए मौलाना शबीहुल हसन आज़मी ने सबसे पहले सरकार ए दो आलम, सरवर ए कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स0अ0) की यौमे विलादत की आप सबको पुरखुलूस मुबारकबाद दिया। इसके बाद हाफिज अब्दुल्लाह जामी ने तिलावत ए कलाम ए पाक से महफ़िल का आगाज़ किया।
शिया समुदाय द्वारा 12 से 17 रबिलअव्वल तक मनाया जाता है हफ्ता ए वहदत
इस मौके पर आयोजित तक़रीर के कार्यक्रम में लखनऊ से आये मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी ने नबी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए रास्ते पर चलते हुए अल्लाह की रज़ा हासिल करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद साहब को रहमतुल लिल आलमीन कहा जाता है यानी उनकी रहमत किसी एक धर्म या जाति के लिए नही बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। इससे पहले दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद (रह0) के अध्यक्ष इक़रार अहमद ने इमामबाड़ा परिसर में पौधारोपण किया।
कार्यक्रम के दौरान एजाज़ गोरखपुरी ने नात ए पाक से सबका दिल जीत लिया । इस दौरान मौलाना ज़फर ने भी नबी की शान में अपना कलाम पेश किया।
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कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष एजाज रिज़वी ने कहा कि सरदार ए अम्बिया की विलादत के इस जश्न पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाएगा । इस सिलसिले में 15 अक्टूबर यानी 18 रबिलव्वल को एक महफ़िल ए मिलाद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें स्थानीय शायरों के अलावा बाहर से आये शायर नबी की शान में अपना कलाम पेश करेंगे । उन्होंने सभी धर्मों और समुदाय के लोगों से शिरकत की गुज़ारिश की है।