नई दिल्ली । लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कर लड़ाई जारी रखने की हुंकार भरी है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, श्मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। वहीं, राहुल की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने से कांग्रेस आक्रामक है। मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने इसे राहुल गांधी से डरी सरकार का फैसला करार दिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत है। सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी।
कमलनाथ ने आगे कहा, आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। लेकिन एक बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि ऐसे ही षड्यंत्र इंदिरा गांधी के खिलाफ भी किए गए थे, लेकिन उससे इंदिरा गांधी मजबूत ही हुई थी, कमजोर नहीं। आज भारत की जनता पहले से कहीं मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ी है। इंसाफ होकर रहेगा।
राहुल गांधी सदस्यता की रद्द करने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा, सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं, हम इनसे लड़ेंगे और जीतेंगे। आज का दिन देश में काला दिवस के नाम से जाना जाएगा। सदन व देश में सच बोलने की आजादी तक नहीं है। कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत से राहुल गांधी के साथ खड़ी है।
पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने कहा, यह संवैधानिक ढांचे को बर्बाद करने और अहंकार में डूबकर सच की आवाज दबाने का षड्यंत्र है। हमें मिलकर अब तो न्याय को भी बचाना होगा। ताकि, विश्वास बना रहे। भारत के भविष्य, लोकतंत्र की मजबूती और संविधान को बनाए रखने के लिए बीजेपी सरकार के खिलाफ एकजुट होना जरूरी है।
ज्ञात हो कि गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा मोदी सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी पर दो साल की सजा के सुनाई थी, उसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता ही रद्द कर दी गई।