सिसवा बाजार-महराजगंज। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपये पानी की तरह बर्बाद किए जा रहे हैं, परंतु कहीं कागजों मे पौधे लगे हैं तो कहीं जमीनी स्तर पर लगाए पौधे देखरेख के अभाव में नदारद हैं। पौधे लगाने पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, संस्थानों के जिम्मेदारों ने फोटो खिंचवा कर फील गुड करा लिया है, लेकिन बाद में किसी ने पौधों की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।
लाखों पौधे विभिन्न संस्थानों/स्थानों पर विभागों द्वारा लगाए गए हैं। प्रत्येक ग्राम सभाओं में हजारों पौधे रोपित किए गए। जिसमें मनरेगा द्वारा गड्ढा खुदवाने गए और पौधे लगाए गए, परंतु उचित देखभाल के अभाव में व बिना ट्री-गार्ड के पौधों को छुट्टा जानवर चर गए। जिससे अधिकांश पौधे सूख गए।
इतना ही नही कहीं कहीं तो सिर्फ पौधें कम लगाए गये और कागजों में संख्या का आंकड़ा ज्यादा दिखाया गया, तो कहीं सिर्फ कागजों में पौधा रोपड़ किया गया है।
सभी पौधों की स्थली जांच की आवश्यकता है, अगर जांच हो तो पौधा रोपड़ के खेल का मामला उजागर होगा।