सिसवा बाजार-महाराजगंज। सिसवा विकासखंड में मनरेगा के घोटाले की पऱते धीरे-धीरे खुलने लगी है, एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, आरोप है कि विदेश में रह रहे व्यक्ति को यहां मजदूरी कराई गई लेकिन अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय मामले की फर्जी रिपोर्ट लगाकर निस्तारण कर तो दिया लेकिन यह नहीं समझे कि फर्जी रिपोर्ट का खुलासा ऐसा होगा कि बचने का रास्ता ही बंद हो जाएगा।
बताते चलें यह सनसनीखेज मामला सिसवा विकासखंड के ग्राम मथानिया का ही है, अभी कुवैत में रह रहे एक व्यक्ति कि गांव में मनरेगा से मजदूरी का मामला सामने आया था कि आज फिर एक मामला सामने आया है जो पिछले साल का है, शिकायतकर्ता उमाशंकर ने पिछले साल शिकायत किया था जिसकी शिकायत नम्बर 40018721007774 है, उन्होंने शिकायत मे लिखा था कि खदेरू पुत्र रामनारायण जिनका जॉब कार्ड नंबर 189 है, पिछले 2 सालों से विदेश में कमाने गए हैं और दिनांक 01-06-21 से 14-06-21 तक यानी 14 दिन मस्टरोल 3643 में जगदंबा के खेत से प्राथमिक विद्यालय सोनबरसा तक रोड पर मनरेगा के तहत मजदूरी दिखाया गया है, और 2856 रुपया उनके खाते में भेज दिया गया।
जांच में जाने क्या लगी रिपोर्ट
उमाशंकर की शिकायत पर जब जांच सिसवा विकासखंड पहुंची तो जांच कोई और नहीं ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सागर पटेल को मिली और उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि उक्त शिकायत की जांच मेरे द्वारा की गई, ग्राम रोजगार सेविका श्रीमती कुंती द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत में खदेरू पुत्र पहलाद जॉब कार्ड संख्या 31 व खदेरी पुत्र रामनारायण जॉब कार्ड संख्या 189 दो व्यक्ति हैं, मनरेगा में जगदंबा के खेत से प्राथमिक विद्यालय सोनबरसा तक चकरोड पर मिट्टी भराई में खदेरू पुत्र पहलाद द्वारा कार्य किया गया था लेकिन नाम समान होने के कारण इनकी उपस्थिति मुखिया जॉब कार्ड संख्या 189 खदेरू पुत्र रामनारायण में हो गई।
उन्होंने बताया कि सुधार हेतु विकासखंड पर आवेदन दे दिया गया है और संबंधित बैंक में धनराशि आहरण पर रोक लगा दी गई है, कृपया निस्तारण निश्चित करने की कृपा करें, ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सागर पटेल द्वारा इस तरह इस मामले को पर पर्दा डालते हुए सबको बचा लिया गया लेकिन शायद उन्होंने बहुत बड़ी एक भूल भी कर दी, क्यों कि अलग-अलग स्थानों पर एक ही दिन दोनों खदेरू मजदूरी किए है।
एक खदेरू दो स्थानों पर कैसे किया मजदूरी
ग्राम विकास अधिकारी प्रेम सागर पटेल के जांच रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 01-06-21 से 14-06-21 तक यानी 14 दिन जगदंबा के खेत से प्राथमिक विद्यालय सोनबरसा तक चकरोड पर मिट्टी भराई में जाब कार्ड संख्या 189 वाले खदेरू पुत्र रामनारायण नही थे गलती से नाम अंकित हो गया और वहां जाब कार्ड संख्या 31 वाले खेेदेरू पुत्र प्रहलाद ने मजदूरी किया है, जब कि दूसरी तरफ कार्ड संख्या 31 वाले खेेदेरू पुत्र प्रहलाद दिनांक 01-06-21 से 14-06-21 तक यानी 14 दिन सुदामा के खेत से मुंडेरी पुल तक चकरोड़ पर मिट्टी का कार्य पर मजदूरी किये है।
अब सवाल यह उठता है कि जांच रिपोर्ट के अनुसार जाब कार्ड संख्या 31 वाले खेेदेरू पुत्र प्रहलाद दिनांक 01-06-21 से 14-06-21 तक यानी 14 दिन मस्टरोल 3643 में जगदंबा के खेत से प्राथमिक विद्यालय सोनबरसा तक चकरोड पर मिट्टी भराई का कार्य किया तो फिर यही जाब कार्ड संख्या 31 वाले खेेदेरू पुत्र प्रहलाद दिनांक 01-06-21 से 14-06-21 तक यानी 14 दिन मस्टरोल 3634 में सुदामा के खेत से मुंडेरी पुल तक चकरोड़ पर मिट्टी का कार्य पर मजदूरी कैसे किए।
सवाल है कि एक ही मजदूर दो चकरोड़ों पर एक ही साथ 14-14 दिन कैसे मजदूरी किया।
जांच में फंसे ग्राम विकास अधिकारी प्रेमसागर पटेल
जाब कार्ड संख्या 31 व जाब कार्ड संख्या 189 के दोनों अलग-अलग खदेरू की जो जांच रिपोर्ट लगा कर घोटाले पर पर्दा डाला गया वह अब पूरी तरह खुल चुका है, यहां तो मामला खत्म करने के लिए फर्जी जांच रिपोर्ट भेज दी गयी लेकिन जांच रिपोर्ट मे खुद ही फंस गये।