सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड में मनरेगा घोटाले के लगातार मामला सामने के आने के बाद कर्मचारियों व खुद खण्ड विकास अधिकारी सकते में है और मामला जल्द से जल्द मैनेज हो खेला शुरू हो गया है लेकिन मामला इतना खुला हुआ है कि मैनेज में पसीने छूट रहे है।
बताते चले पिछले दिनों ग्राम परसिया में मनरेगा के मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक व सचिव के विरूद्व कोठीभार थाना में मामला दर्ज हुआ, अभी इस मामले में विकास खण्ड कार्यालय में हलचल मची हुई थी और मैनेज का खेला चल ही रहा था कि ग्राम मथनियां में तो ऐसे विस्फोटक मामला सामने आ गया कि जानने वाले खुद सोच में पड़ गये कि आखिर जो कुवैत है वह कैसे गांव में मनरेगा से मजदूरी कर सकता है लेकिन यह गांव के ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक व सचिव ने मिल कर कमाल कर दिया है।
कुवैत जाने के बाद उसे गांव में पोखरी की खुदाई करवाने के साथ ही चकरोड़ पर मिट्टी तक डलवाया गया है, अब सवाल उठा और शिकायत हुई तो हाथ पांव फूलने लगे, मामला इतना ही नही पिछले साल भी यही खेला हुआ था कि विदेश गये व्यक्ति से गांव मे मनरेगा मजदूरी करायी गयी, यहां जब शिकायत हुई तो एक नाम का फायदा उठाते हुए जांच अधिकारी प्रेमसागर पटेल ने खेला खेला कि वह जो गलती से हो गया क्यों कि उसी नाम का दूसरा व्यक्ति गांव में है उसकी जगह विदेश वाले का नाम चढ़ गया लेकिन उस जांच की भी परत खुल गयी कि जो जांच बचने के लिए की गयी थी वह तो अब गले की फांस बन गयी, क्यों कि जिस गांव के व्यक्ति को दिखाया गया वह उसी दिन दूसरे स्थान पर मनरेगा से मजदूरी कर रहा था, ऐसे मे जांच हो पूरी तरह फर्जी साबित हो रही है और यह मामला भी सामने आ चुका है, ऐसे में जांच का दायरा बढ़े तो बचने का रास्ता ही नही मिलेगा।
वैसे इन मामलो के सामने आने के बाद अधिकारी अब बचने के लिए खेला शुरू कर दिए है, अब देखना है किस अंदाज में और किस तरह बचाव कर रहे है।