
Siswa Development Block: Work was done with MNREGA but information was hidden on the sign board
सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड मे मनरेगा से कार्य हो रहा है और साइन बोर्ड भी लग रहा है लेकिन साइन बोर्ड पर जो जानकारी देनी चाहिए आखिर उसे क्यों छुपाया जा रहा है, क्या जनता जान जाएगी कि कितना रूपया खर्च हुआ है और पूरी कहानी सामने आ जाएगी?
यह मामला तो सिसवा विकास खण्ड के कई ग्राम पंचायतों में देखने को मिल जाएगा जहां मनरेगा के तहत कच्चा कार्य हुआ है लेकिन साइन बोर्ड पर मजदूरी सहित तमाम जानकारिया दर्ज नही है ऐसे में साइन बोर्ड लगाने से क्या फायदा, सरकार तो इसी लिए हर कार्यों पर साइन बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया कि जनता को भी मालूम चले कि जहां कार्य हुआ है, कहां से कहां तक, कितने मजदूर दिवस व कितना खर्च हुआ है लेकिन यहां तो साइन बोर्ड लगा कर बाकी जानकारी को छूपाने का खेल चल रहा है।
यह मामला है सिसवा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बगही का, जहां सत्र 2022/23 मे मनरेगा योजना से सुरेन्द्र के खेत से द्वारिका के खेत तक कुलावा सफाई कराया गया है, यहां नियमानुसार साइन बोर्ड भी लगा है लेकिन लगे साइन बोर्ड पर मात्र सुरेन्द्र के खेत से द्वारिका के खेत तक कुलावा सफाई लिखने के बाद बाकी सभी जानकारी छुपा ली गयी है, जैसे कितनी दूरी है, कितने मजदूर लगे, कब से कार्य शुरू हुआ और कब खत्म हुआ, अनुमानित लागत।
अब सवाल यह उठता है कि मनरेगा की गाइड लाइन के अनुसार साइन बोर्ड पर सब जानकारी देना जरूरी है तो आखिर यहां जानकारी को क्यों छुपाया जा रहा है, यह खेल सिर्फ ग्राम पंचायत बगही में ही नही हुआ है बल्कि कई ग्राम पंचायतों मे तो साइन बोर्ड का पैसा निकाल लिया गया और कार्य स्थलों पर लगाया ही नही गया, क्यों कि साइन बोर्ड लग गया तो जनता को पूरी जानकारी मिल जाएगी।