February 4, 2025
सिसवा से निचलौल मुख्य मार्ग: पुल निर्माण में पानी से भरा डायवर्जन का रास्ता, बडे हादसे को दे रहा दावत

सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा से निचलौल मुख्य मार्ग पर दुर्गवलिया के पास बन रहे नये पुल का डायवर्जन पर पानी भर जाने से जानलेवा बन चुका है, हालत यह है कि हर रोज कोई ना कोई छोटा हादसा हो रहा है, ऐसे में अगर ध्यान नही दिया गया तो किसी बड़े हादसे से इंकार नही किया जा सकता है।

बताते चले सिसवा से निचलौल मुख्य मार्ग पर ग्राम सभा दुर्गवलिया के पास पुराने पुल को तोड़ कर नये पुल का निर्माण किया जा रहा है, ऐसे में आवागमन बाधित न हो बगल के खेतों की तरफ से डायवर्जन रास्ता बनाया गया है, लेकिन यह डायवर्जन का रास्ता जानलेवा बन चुका है, डायवर्जन वाले रास्ते को उंचा न कर खेतों को ही समतल कर दिया गया है ऐसे में बगल की नहर से पानी आने व बारिश होने से डायवर्जन वाले रास्ते पर पानी भरा हुआ है और पानी से भरे रास्ते से ही गाड़ियों के साथ बाईकों, साइकिल के साथ ही पैदल लोगों का आना जाना बना हुआ है।
सिसवा से निचलौल की मुख्य सड़क होने से हजारों की संख्या में वाहनों व लोगों का आना जाना बना हुआ है ऐसे में पानी भरे व गडढ्े होने से रास्ते में हर रोज कोई बाइक सवार तो कोई साइकिल सवार गिर रहे है, जब कि इस मुख्य सड़क से अधिकारियो का भी आना जाना रहता है फिर भी कोई ध्यान नही दे रहा है, लोगों का कहना है कि अगर इस डायवर्जन वाले रास्ते को सही नही कराया गया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

यहीं बाल-बाल बचे थे पूर्व विधायक मुन्ना सिंह
इसी नये पुल निर्माण स्थल पर नौतनवां के पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह पिछले माह बाल-बाल बच गये जब कि उनकी गाड़ी में बैठे एक सहयोगी का हाथ टूट गया था, पिछले माह पूर्व विधायक मुन्ना सिंह सिसवा एक कार्यक्रम आये हुए थे और रात को लगभग 11 बजे वापस घर नौतनवां जा रहे थे नये पुल निर्माण स्थल के पहले मुख्य सड़क पर डायवर्जन का कोई संकेत नही होने से वह सीधे सड़क पर जा रहे थे कि सामने पुल निर्माण के लिए टूट सड़क को देख बचते बचते गाड़ी बगल के गडढ्े मे चली गयी।
इस घटना में पूर्व विधायक तो बाल-बाल बच गये लेकिन गाड़ी में बैठे एक सहयोगी की हाथ टूट गयी थी।

पुल निर्माण में भी लगा भ्रष्टाचार का आरोप
नये पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा लेकिन अधिकारी पूरी तरह चुप्पी लगाये बैठे है, नये पुल के निर्माण में पुराने पुल के खम्भे को तोड़ा नही गया बल्कि उसके चारो तरफ नई ईंट से ढ़ंक दिया गया जो अब नये खम्भे के रूप मे बदल गया, घटिया ईंट के प्रयोग का भी आरोप लगा लेकिन इन सब आरोपोें के बावजूद कोई कार्यवाही नही हुयी।

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