Sex racket case: Female inspector was doing the game of recovery by trapping for a long time
कानपुर। देह व्यापार संचालिका के साथ मिलकर जालौन के दो कारोबारियों को लूटने और उनसे रंगदारी वसूलने में महिला दरोगा भुवनेश्वरी देवी व होमगार्ड संजीव कुमार विश्वकर्मा समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। जबकि तीनों महिला आरोपी फरार हैं। जब पुलिस ने दरोगा भुवनेश्वरी देवी को पकड़ा था उसके पास से तीन-चार लाख रुपये के जेवरात बरामद हुए थे। इसमें सोने की कई चेन व अंगूठियां शामिल हैं। कारोबारियों ने जेवरातों की तस्दीक की थी। जेसीपी ने बताया कि माल की आरोपियों की पास से बरामदगी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा घटनास्थल पर महिला दरोगा की मौजूदगी के वैज्ञानिक साक्ष्य हैं।
महिला दरोगा भुवनेश्वरी देवी वसूली करने की पुरानी खिलाड़ी रही है। चकेरी थाने में तैनाती के दौरान प्रेमी युवक-युवतियों को पकड़कर पीटा था और उनसे 80 हजार रुपये वसूले थे। शिकायत के बाद जांच हुई थी जिसमें वह दोषी पाई गई थी। मगर केवल लाइन हाजिर कर मामले को रफादफा कर दिया गया था।
करीब चार साल पहले भुवनेश्वरी देवी की तैनाती चकेरी थाने में थी। उस दौरान एक मकान में दबिश देकर भुवनेश्वरी देवी ने प्रेमी जोड़े को पकड़ा था। डरा धमका कर उससे 80 हजार रुपये वसूले थे। इसमें एक सिपाही भी शामिल था। मामले की शिकायत हुई थी, जिसकी जांच तत्कालीन सीओ कैंट अजीत सिंह चौहान को दी गई थी। सीओ ने जांच में दरोगा को दोषी ठहराया था।
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश भी की थी लेकिन,भुवनेश्वरी देवी को सिर्फ लाइन हाजिर किया गया था। तत्कालीन चकेरी इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार शुक्ला ने भी उसको बचाने का प्रयास किया था। इससे स्पष्ट होता है कि इस तरह से जाल में फंसाकर वसूली करने का खेल लंबे समय से महिला दरोगा करती रही है।
कुछ समय पहले भुवनेश्वरी देवी सरसैया घाट चौकी इंचार्ज थी। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि इस दौरान भुवनेश्वरी देवी के पास घरेलू हिंसा संबंधी कुछ विवेचनाएं थीं, जिसमें वादी ने उसके खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर शिकायत की थी। इसलिए तत्काल चौकी से हटाकर एडीसीपी पूर्वी के कार्यालय से अटैच कर दिया था। विवेचनाएं भी वापस ले ली गई थीं। अगर इन शिकायतों पर भी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई होती तो इस तरह की वारदात न होती।