नई दिल्ली। राजस्थान में स्टाम्प पेपर पर लड़कियों की खरीद फरोख्त के कथित मामले में सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भीलवाड़ा जिले के दो गांवों का दौरा किया। जांच में आयोग को पता चला कि 27 लड़कियां गांव से लापता हैं। इसके बाद आयोग ने भीलवाड़ा प्रशासन को इनका पता लगाने का आदेश दिया है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के नेतृत्व में एक जांच टीम ने सोमवार को भीलवाड़ा जिले के दो गांव का दौरा किया। प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उन्होंने स्कूल और आंगनबाड़ी का जायजा लिया और वहां का डाटा देखा कि स्कूल में कितनी बालिकाओं का नाम दर्ज है और कितनी स्कूल आ रही है और जो नहीं आ रही है, वे कब से वहां नहीं आ रही है।
प्रियंक कानूनगो ने बताया कि जो बालिकाएं नहीं आ रही थी, उनमें से कुछ बालिकाओं के मकानों पर जाकर पता किया, लेकिन वहां भी उनके बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जांच में पता चला कि 27 बच्चियां ऐसी हैं, जो स्कूल और गांव दोनों जगह नहीं मिली। वहीं करीब 35 लड़कियां गांव में मौजूद हैं, लेकिन स्कूल नहीं आ रहीं थीं। ये भी पता चला कि एक पीड़ित जिसका बयान मीडिया में आया था, उसका परिवार भी गांव से गायब है। यही वजह है कि 27 बालिकाओं को लापता मानकर इनका पता लगाने के निर्देश प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को दिए गए है।
गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया गया था कि राजस्थान में जाति पंचायतें कथित तौर पर ऐसे अपराध को अंजाम दे रही हैं, जिसमें बेटियों की नीलामी स्टाम्प पेपर पर की जा रही है और उन्हें देह व्यापार में धकेला जा रहा है।