गोरखपुर। इस्लाम, नमाज व मुसलमानों के खिलाफ स्वामी रामदेव के विवादित बोल से लोगों में काफी नाराजगी है। हिंदू मुस्लिम एकता कमेटी व इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। विवादित बयान का विरोध करते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग की गई। वहीं रामदेव के उत्पाद पतंजलि का बहिष्कार किए जाने की अपील की गई।
हिंदू मुस्लिम एकता कमेटी के अध्यक्ष शाकिर अली सलमानी ने कहा कि स्वामी रामदेव ने बाड़मेर में एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए इस्लाम, नमाज और मुसलमानों के खिलाफ विवादित बात कही। रामदेव ने इस्लाम धर्म के लाखों-करोड़ों अनुयायियों की धार्मिक आस्थाओं और विश्वास का अपमान किया है। यह दो समुदाय और धर्मों के बीच घृणा और वैमनस्य फैलाने और शांति व्यवस्था भंग करने के लिए जानबूझकर किया गया कृत्य है। रामदेव ने सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बिगाड़ने की साजिश की है। बाबा रामदेव के खिलाफ शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के जिलाध्यक्ष सैयद इरशाद अहमद ने रामदेव की बात को बेहद घटिया करार देते हुए इसे सोची-समझी साजिश बताया। कहा कि रामदेव के उत्पाद पतंजलि का बहिष्कार किया जाए। महासचिव हाजी सोहराब खान एवं समाजसेवी आदिल अमीन ने कहा कि रामदेव का इस्लाम व ईसाई धर्म के खिलाफ गलत टिप्पणियां करना बेहद शर्मनाक है। कोई भी धर्म दुश्मनी नहीं सिखाता है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
ज्ञापन सौंपने वालों में आफताब अहमद, पार्षद जुबेर अहमद, अजमेर खान, लड्डन खान, योगेंद्र कुमार गौड़ एडवोकेट, डॉक्टर शकील अहमद, फ़रहान खान, राजू आदि मौजूद रहे।