नई दिल्ली । हाल ही में हल्की बारिश के बाद उत्तर भारत में एक बार फिर से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करने लगी है। बढ़ती उमस और ज्यादा तापमान पिछले कुछ दिनों से राजधानी में एक बेहद असहज वातावरण की स्थिति बना रहा है। हालांकि भारत के मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि 11 जून तक उमस भरी मौसम की स्थिति जारी रहेगी।
मौसम विभाग ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को अब 11 जून के बाद जब ओडिशा से मानसून आएगा तब राहत मिलेगी। तब तक, कभी-कभी नॉरवेस्टर-प्रेरित बारिश में बहुत राहत नहीं मिलेगी। इससे पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय एक जून से तीन दिन पहले रविवार को केरल पहुंच गया और इसी के साथ भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण वर्षा ऋतु की शुरुआत हो गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि केरल में शनिवार से ही वर्षा हो रही है और राज्य में 14 में से 10 मौसम निगरानी केंद्रों में 2.5 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गयी है जो मानसून के आगमन के मापदंड को पूरा करता है।
आईएमडी के भुवनेश्वर केंद्र में मौसम वैज्ञानिक उमा शंकर डैश ने कहा, जैसे-जैसे आर्द्रता का स्तर 50प्रतिशत से ऊपर हुआ है, ऐसा लगता है कि बाहरी तापमान 48 डिग्री सेल्सियस है जबकि वास्तविक तापमान 37-38 डिग्री होता है। हालांकि अगले कुछ दिनों में गरज की गतिविधियों की संभावना है, लेकिन यह गर्मी और आर्द्र परिस्थितियों से बहुत राहत नहीं देगा।
प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और लक्षद्वीप क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा बिहार, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय की तलहटी में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। मौसम एजेंसी का कहना है कि उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश का असली दौर मानसून के आगमन के बाद शुरू होगा। इसने कहा कि मानसून का आगमन 13 से 15 जून के बीच निर्धारित है।