14 thousand banned knives recovered, what was the intention to buy the knife, the wire is related to China
दिल्ली। चीन से प्रतिबंधित चाकू मंगाकर ऑनलाइन बेचने के मामले में सीआर पार्क थाना पुलिस ने चाकू मंगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पकड़े गए आरोपी ऑनलाइन ऑर्डर पर हैदराबाद से गुजरात तक चार हजार से अधिक प्रतिबंधित चाकू बेच चुके हैं। पुलिस ने उनके पास से 14 हजार चाकू बरामद किए हैं, अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कुछ ई-कॉमर्स साइट को नोटिस देकर वैसे लोगों की सूची मांगी है, जिन्होंने इस तरह के चाकू ऑर्डर किए हैं।
पुलिस इन लोगों से पूछताछ कर चाकू खरीदने का मंशा जानना चाहती है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गत दिनों गुजरात और हैदराबाद में वसीम और नदीम नाम के दो युवकों ने कई चाकू एक साथ ऑर्डर किए थे। इसके बाद पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई है। पुलिस यह जानना चाहती है कि आखिर क्यों वे बड़ी संख्या में इस तरह के चाकू खरीदना चाहते थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी मयंक चीन से चाकू मंगवाता था। उसने बताया कि वह कस्टम ड्यूटी भी देता है। वह प्रतिबंधित चाकू को किचन नाइफ बताकर भारत लाता था। आरोपी ने बताया कि वह अभी तक 19 हजार चाकू मंगवा चुका है। मयंक चाकू मंगाकर आशीष चावला को देता था और आशीष से चाकू यूसुफ लेता था। यूसुफ चाकू की पैकिंग कराकर लोगों को बेचता था। पुलिस अभी तक आरोपियों के पास से 14 हजार चाकू बरामद कर चुकी है।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के बयान के बाद ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी फ्लिपकार्ट और मीशो को नोटिस देकर इस तरह के चाकू खरीदने वाले सभी लोगों की सूची मांगी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोगों के नाम सामने आने के बाद उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उन्होंने चाकू किस इरादे से और क्यों खरीदा है। वर्तमान में उनके पास यह चाकू हैं या नहीं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक पुलिस ने जितने चाकू बेचे जाने की जानकारी जुटाई है और जितने बरामद किए हैं, उन सभी को कानून के हिसाब से भारत में कोई भी व्यक्ति अपने पास नहीं रख सकता।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारत में 7.62 इंच की ब्लेड हाइट और 1.72 सेंटीमीटर से ज्यादा के चाकू नहीं बेचे जा सकते हैं। अगर कोई इससे बड़े चाकू बेचता है या फिर खरीदता है तो पुलिस कानून के हिसाब से कार्रवाई करेगी। ऐसे मामलों में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है।