Pakistani citizen was living with family for 32 years, bought shop-house and some properties, took advantage of all government schemes
कानपुर ।कानपुर में 32 साल से पाकिस्तानी नागरिक के परिवार के साथ रहने का मामला सामने आया है। बर्रा में रह रहे आलम चंद्र इसरानी और उसके दो बेटों के खिलाफ जूही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोप है कि 1990 में आलम चंद्र का परिवार पाकिस्तान से भारत में लंबी अवधि का वीजा लेकर आया था।
फर्जी तरीके से आधार,पैन और वोटर आईडी समेत कई नागरिकता से संबंधित दस्तावेज हासिल कर लिए। एक बेटे सुनील कुमार इसरानी ने एयरफोर्स में जॉब हासिल की। दूसरा बेटा मुकेश चंद्र सरकारी शिक्षक है। मिलिट्री इंटेलिजेंस, एटीएस और एलआईयू ने भी इस मामले में जांच शुरू की है।
किदवई नगर एन-ब्लॉक में रहने वाले आलोक कुमार ने इस मामले की शिकायत की। जिसके अनुसार 1990 में पाकिस्तान से आलम चन्द्र इसरानी परिवार के साथ भारत में टर्म वीजा पर आया था। वो 271 एमआई बर्रा-2 इलाके के एक मकान में बस गया। इसके बाद वो वीजा की अवधि बढ़वाता रहा।
आरोप है कि इस दौरान उन्होंने अपनी पाकिस्तान की नागरिकता छिपाई। धोखाधड़ी करते हुए पहले अपना और परिवार के सभी सदस्यों का भारतीय पहचान पत्र बनवा लिया। 2013 में भारत की नागरिकता हासिल कर ली। सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लिया। दुकान-मकान और कुछ प्रॉपर्टी भी खरीदी।
आलोक ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ कानपुर जिला प्रशासन और पुलिस को ही नहीं पीएमओ और सीएम कार्यालय से लेकर एक दर्जन से अधिक विभागों में लिखित शिकायत की थी। सभी ने जांच का हवाला देकर मामले को दबा दिया। आरोप ये भी है कि आलम चंद्र इसरानी ने आलोक कुमार को धमकी भी दी।
आलोक कुमार ने कोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए याचिका दाखिल की थी। पुलिस की प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।जूही पुलिस ने आलम चंद्र इसरानी, मुकेश चंद्र इसरानी, चंद्र लाल इसरानी और एक अज्ञात व्यक्ति पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जान से मारने की धमकी देने और विदेशी विषयक अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।