बेंगलुरू। कर्नाटक की विशेष लोकायुक्त अदालत ने आज शुक्रवार को भाजपा विधायक के बेटे को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसे 40 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद अधिकारी उसकी हिरासत की मांग करेंगे। मामले के चार अन्य आरोपियों को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा को भी हिरासत में ले सकते हैं और उनसे पूछताछ कर सकते हैं।
सूत्रों ने पुष्टि की कि लोकायुक्त अधिकारियों को प्रशांत और उनके सहयोगियों के आवासों पर 7.62 करोड़ रुपये मिले हैं। भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत ने बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसएबी) के मुख्य लेखाकार के रूप में काम किया।
अधिकारियों ने इस सिलसिले में प्रशांत सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रशांत के रिश्तेदार सिद्धेश, मुनीम सुरेंद्र, निकोलस और गंगाधर। लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि निकोलस और गंगाधर 40 लाख रुपये नकद सौंपने आए थे।
चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के केएमवी स्थित आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की गई है। अधिकारियों ने आवासों से दस्तावेज और अन्य सबूत जब्त किए हैं। छापेमारी अभी जारी है। प्रशांत को लोकायुक्त ने गुरुवार को 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था।
इस घटनाक्रम को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक गंभीर झटके के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब विपक्ष 40 फीसदी कमीशन और सरकारी टेंडरों में घूसखोरी पर पार्टी पर हमलावर है। कांग्रेस ने कहा है कि छापे ने भ्रष्टाचार और कमीशन के उसके आरोपों को सही साबित कर दिया है।
प्रशांत ने एक टेंडर प्रक्रिया के सिलसिले में 80 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और वह अपने कार्यालय में 40 लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया था। कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए निविदा के आवंटन के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी। प्रशांत के पिता मदल विरुपक्षप्पा केएसडीएल के अध्यक्ष हैं।
कच्चे माल की खरीद के टेंडर के लिए केएसडीएल के चेयरमैन की ओर से रिश्वत की रकम मिलने के बाद से अधिकारी बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि प्रशांत कर्नाटक रूरल इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट लिमिटेड में 55 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में आरोपी है।
प्रशांत और दो अन्य को सरकार ने निलंबित कर दिया था और मामला आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया गया था। इस संबंध में सुरथकल थाने में मामला दर्ज कराया गया है।