सुलतानपुर। 8 माह का अनमय जटिल बीमारी से जूझ रहा। हर दिन उसकी जिंदगी का एक दिन कम हो रहा। उसे बीमारी से निजात के लिए इंजेक्शन लगना है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। वो भी इंजेक्शन इंडिया में उपलब्ध भी नहीं इसे अमेरिका से लाना होगा। ऐसे में माता-पिता ने अब सीएम-पीएम से मदद की गुहार लगाई है।
दरअस्ल कोतवाली नगर के सौरमऊ स्थित बैंक कॉलोनी में रहने वाले सुमित कुमार सिंह यूको बैंक में कर्मचारी हैं। पत्नी अंकिता सिंह गृहणी हैं। सुमित के एक 5 साल की बेटी और 8 माह का एक बेटा अनमय सिंह है। 3 माह पहले अनमय की शारीरिक ग्रोथ में कुछ कमी हुई, परिवार ने उसे दिल्ली के सर गंगा राम और एम्स जैसे बड़े अस्पताल में दिखाया। वहां पता चला कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि एसएमए टाइप वन नाम की गंभीर बीमारी हो चुकी है। जो करोड़ो बच्चों में एकाध को ही होती है। इस बीमारी के लक्षण मात्र 6 माह में ही आने लगते हैं और 2 साल के भीतर ही बच्चे की मौत हो जाती है। इस बीमारी में जो इंजेक्शन लगता है उसमें एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है।
अनमय की मां अंकिता ने कहा कि मेरा प्रधानमंत्री और योगी से निवेदन है कि हम सामाजिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि हम इस दवा का इंतेजाम कर सकते हैं। मेरा उनसे निवेदन है कि मेरे बच्चे को ये इंजेक्शन लगवा दें। क्योंकि यह भारत उपलब्ध नहीं बल्कि अमेरिका से आएगा। हम इतने सक्षम नहीं है कि हम इसे मंगवा सकें। क्योंकि इसका दाम 16 करोड़ रुपए है और यह हमारी पहुंच से बहुत दूर है। समाजसेवी मल्लिका राजपूत ने कहा मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि यह अनुमय या अनामिका सिर्फ इस दंपत्ति का नहीं कल आपका हो सकता है। सभी सामुदायिक संगठनो को सभी तरह के संस्थानों को मिलकर एक जुट आना पड़ेगा और प्रधानमंत्री से निवेदन कर के स्वास्थ मंत्रालय से रिक्वेस्ट करना पड़ेगा कि इंजेक्शन इनके परिवार को मुहैया कराया जाए।
इस संबंध में जिले के डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे को देखने से लग रहा है कि यह जेनेटिक डिसआडर है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसे कि डेड मसल्स को होल्ड करने की पावर नहीं है। जो एक्सटेंसन मसल्स को होल्ड करती हैं वह पावर नहीं हैं। चार मसल्स होती दो दाईं तरफ दो बाईं तरफ। जिसको ईस्टर्नओ पीडो मस्कराईब कहते हैं। कुछ बच्चों में जीन का कुछ ऐसा डिफेक्ट होता हैं जिसकी वजह से सिर्फ कालर मसल्स से ही डिवेलप होता हैं। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है जिससे वह अपने हेड को होल्ड करता है तो होल्ड नहीं कर पाता है। या तो सर दाई तरफ गिर जाता है या बाई तरफ इसको कहते है इसपाईडो मस्कुलर डिस आडर या फ़लओपि नेक्स इनड्रॉम। यह फ़लओपि नेक्स इनड्रॉम जो होता है यह बच्चों में ही होता है।
इस बीमारी की या तो सर्जरी की जाएं वो भी डिफिकल्ट सर्जरी होती है। दूसरा इसका जो एक बच्चा हमे दिखाया है उसमे काफी महंगा इंजेक्शन लगता है जो कि करीब 16 करोड़ रुपए का आता है यह इंजेक्शन आम व्यक्ति की पहुंच से बाहर का है इसमे या तो सरकार या समाज आकर के इसकी सहायता कर सकता है।