सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा प्रा0स्वा0केन्द्र की कहानी भी अब खत्म हो रही है, यह अस्पताल भी अब इ्रतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा, ऐसा इस लिए लग रहा है कि यहां पहले मरीजों के लिए जो पर्ची बनती थी उस पर प्रा0स्वा0केन्द्र सिसवा लिखा रहता था लेकिन अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लिखी पर्ची बन रही है, जब कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सड़क उस पार कुछ दूर स्थित है।
बताते चले सिसवा में प्रा0स्वा0केन्द्र के लिए दामोदर दास सिंघानिया ने दान स्वरूप जमीन व बिल्डिंग बना कर दिया था, जहां लोगों का ईलाज होता रहा है, अभी भी यहां एक चिकित्सक बैठते है लेकिन अब खेला शुरू हो गया है, वह खेला है इस अस्पताल को बंद करने का,
पिछले कुछ साल पहले राजकीय महिला चिकित्सालय परिसर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण हुआ लेकिन वहां भी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट है, डाक्टरों की लम्बी लिस्ट है लेकिन अधिकतर डाक्टर गायब रहते है ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी अपनी बदहाली पर रो रहा है।
यहां अब सवाल यह उठता है कि प्रा0 स्वा0केन्द्र में पहले पर्ची पर दामोदर दास सिंघानिया चिकित्सालय लिखा रहता था, फिर बाद में वह बंद हो गया और प्रा0स्वा0केन्द्र सिसवा लिखा जाने लगा, अब वह भी बंद हो गया और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिसवा लिखी पर्ची मिल रही है, जब कि प्रा0स्वा0 केन्द्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काफी दूरा सड़क उस पार है, ऐसे में अब यहां कौन सा खेल शुरू हो गया है।
लोगों का कहना है कि इस तरह प्रा0स्वा0केन्द्र को भी बंद करने का कुचक्र रचा जा रहा है।
राजकीय महिला अस्पताल को किया जा चुका है बंद
राजकीय महिला चिकित्सालय को कुछ माह पहले ही बंद कर दिया गया जब कि वहां महिलाओं के स्वास्थ्य की हर सुविधा उपलब्ध थी लेकिन भवन को जर्जर कह कर बंद कर दिया गया जब कि महिला अस्पताल के कमरों को अपने दूसरे इस्तेमाल में लिया जा रहा है, अगर जर्जर है तो फिर दूसरे कार्यों में क्यों लिया जा रहा है।
इस तरह पहले महिला राजकीय चिकित्सालय को बंद करना फिर प्रा0स्वा0 केन्द्र पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का पर्चा बनाना आखिर किया बाद का संकेत दे रहा है, लग तो यही रहा है कि इसे भी बंद करने का खेल शुरू हो गया है।