![Kushinagar : खतरों से भरा है डगर, पीपे के पुल पर रेलिंग नही, कभी भी हो सकती है बड़ी घटना](https://upabtak.com/wp-content/uploads/2023/02/WhatsApp-Image-2023-02-13-at-2.32.45-PM.jpeg)
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खड्डा-कुशीनगर। खड्डा के भैंसहा में नारायणी नदी पर बना पीपे का पुल आने-जाने वालों के लिए खतरों से भरा है, कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है, पुल तो बना लेकिन न ही पटरी को स्थाई रूप दिया गया है और न ही लोहे की प्लोटों को, वही सबसे बड़ा खतरा रेलिंग का ना होना है।
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बताते चले नारायणी नदी भैंसहा में नारायणी नदी पर लगभग 400 मीटर के पीपे का पुल बना है जिससे नदी उस पार के लोगों को आने-जाने में आसानी हो, हर रोज हजारों की संख्या में लोग आते जाते है, बाईक से लेकर चार पहिया वाहनों का भी आना जाना बना हुआ है लेकिन यह पीपे का पुल पूरी तरह खतरों से भरा हुआ है, क्यों कि पुल पर सिर्फ पटरियों को बिछा दी गयी है, उसे स्थाई रूप से कसा नही गया है ऐसे में वाहनों के आने-जाने से वह अपने स्थान से आगे-पीछे होने लगे है वही पटरियों पर लोहे की जो प्लेटें बिछाई गयी है उसे भी स्थाई रूप नही दिया गया है, जिसके कारण लोहे की प्लेटें भी अपने स्थानों से हट चुकी है, कहीं कहीं तो एक ही स्थान पर आधे दर्जन प्लेटें पड़ी हुई है, इस के साथ जो सबते बड़ा खतरा है वह है रेलिंग का ना होना।
लगभग 400 मीटर लम्बी इस पीपे के पुल पर रेलिंग है ही नही, जब कि दूसरी तरफ नदी इतनी गहरी है कि अगर कोई गिर गया तो वह भगवान भरोसे है, ऐसे में 400 मीटर लम्बी पीपे के पुल पर रेलिंग न होना पूरी तरह आने-जाने वालों का खतरे में डाल रहा है, जब कि सुरक्षा के लिए रेलिंग बहुत ही जरूरी होता है, इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है।
क्या प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है
भैंसहा में बने लगभग 400 मीटर लम्बी पीपे के पुल पर जिस कदर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है उससे यही लग रहा है प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, क्यों कि इस पीपे के पुल पर सबसे बड़ी सुरक्षा के लिए रेलिंग होना चाहिए लेकिन नही है, पटरी स्थाई होनी चाहिए वह भी स्थाई नही है अपने स्थानों को आगे-पीछे हो चुकी है, इसके साथ ही लोहे की प्लेटों का स्थाई रूप देना चाहिए लेकिन वह भी अपने स्थानों से अलग हो कर एक साथ आधे दर्जन प्लेटें एक ही स्थान पर पड़ी हुई है, जो किसी खतरे का संकेत दे रही है, ऐसे में जरा से पैर खिसका की गये नदी में।
9 गांव के लोगों का है आना-जाना
इस पीपे के पुल से जहां कुशीनगर जिले के 3 गांव तो वही महराजगंज जिले के 6 गांव के लोगों का आना-जाना रहता है, वही खेती के लिए भी लोग नदी उस पार आत-जाते है, ऐसे में हर रोज इस पुल से हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना तो बना ही रहता है, सैकड़ों की सख्या में वाहनें भी आती-जाती है, जब यहां पीपे का पुल नही था तो लोगा नाव से नदी को पार करते थे लेकिन अब पुल तो बना और लोगों का आना-जाना लगा हुआ है लेकिन खतरों के बीच।
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