प्रयागराज। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन हमलावरों को पुलिस ने पकड़ लिया लेकिन अब सवाल कई खड़े हो रहे है, क्यों कि जिस अत्याधुनिक जिगाना पिस्तौल से शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह व अरुण मौर्य ने दोनों भाईयों की हत्या किया वह पिस्तौल भारत में प्रतिबंधित हैं। वह तुर्की मे मिलता है, किमत भी लाखों रूपये है।
पुलिस के अनुसार हत्यारों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे और राज्य में अपना नाम करना चाहते थे, ताकि भविष्य में उन्हें फायदा हो सके। पुलिस की कड़ी निगरानी का अंदाजा नहीं लगा पाने के कारण हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद भाग नहीं सके। तीनों हमलावरों ने कहा कि वे हमला करने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहे थे।
हत्या में इस्तेमाल की गयी अत्याधुनिक जिगाना पिस्तौल तुर्की की बन्दूक निर्माण कंपनी टीआईएसएएस द्वारा निर्मित है, जिगाना एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल है, जिग़ाना पिस्तौल में संशोधित ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक-स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग तंत्र है और इस पिस्टल की कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपए है, ऐसे में सवाल यह भी आता है कि 6 से 7 लाख रूपये के तुर्की निर्मित पिस्टल इनके पास कैसे पहुुचे, इस हत्या के पीछे कौन-कौन शामिल है, हत्यारों का यह कहना कि अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे और राज्य में अपना नाम करना चाहते थे, ताकि भविष्य में उन्हें फायदा हो सके, यह सही नही बैठ रहा है।