गोरखपुर। भीषण गर्मी पड़ रही है और ट्रेन में सफर करने वाले लोग प्यास के मारे पानी की बोतलों तो कहीं कोल्ड ड्रिंक खरीद कर अपनी प्यास को बुझाने में लगे हुए हैं, इसका सीधा फायदा ट्रेन में चलने वाले वेंडर के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर बने स्टाल वाले ओवर रेटिंग कर लूट मचाए हुए हैं।
इस समय तेज गर्मी का दौर चल रहा है ऐसे में ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्री जब ट्रेन से यात्रा जर रहे हैं और उन्हें प्यास लग रही है तो वेंडर व रेलवे स्टेशन पर बने स्टाल वाले 1 लीटर पानी की बोतलों को 20 रुपये में तो है तो वही 40 रुपये के प्रिंट वाली कोल्ड ड्रिंक को 45 रुपया, 50 रुपये तो कही ₹55 तक की मांग की जा रही है, इतना ही नहीं जब यात्री इसका विरोध कर रहे हैं तो उनके साथ यह वेंडर व स्टाल वाले बदतमीजी से पेश भी आ रहे हैं ऐसे में रेलवे की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
यह मामला है गोरखपुर नरकटियागंज रेल मार्ग का, जहां एक रेल यात्री गोरखपुर से दोपहर चलने वाली 05040 पैसेंजर ट्रेन से यात्रा कर रहा था और गोरखपुर कैंट पर ट्रेन रुकी तो प्यास की वजह से रेलवे के स्टाल पर पहुँचा तो 40 रुपये प्रिंट वाली कोल्डड्रिंक 45 में दी जा रही थी, वही पिपराईच रेलवे स्टेशन पर ज्यादा समय ट्रेन रुकने की वजह से यात्री रेलवे के स्टाल पर पहुंचा और कोल्ड ड्रिंक की मांग किया तो यहाँ 40 रुपये वाली कोल्ड ड्रिंक 50 रुपये में दी जा रही थी, जब यात्री ने इसका विरोध किया तो स्टाल के संचालक ने हाथों से कोल्ड्रिंक छीन कर यात्री को बेइज्जत कर भगा दिया, यही हाल कप्तानगंज रेलवे स्टेशन का भी रहा, जब वह यात्री रेलवे के स्टाल पर कोल्ड ड्रिंक लेने पहुंचा तो 40 रुपये का कोल्ड ड्रिंक 45 रुपये में दिया जाता है, जब उसने यहां विरोध किया तो उसके साथ वही हरकत की गई जो पिपराइच रेलवे स्टेशन रेलवे की गई थी , यात्री को प्यास लगी थी ऐसे उसने 45 रुपया देकर मजबूरी बस बेइज्जत होते हुए भी कोल्डड्रिंक खरीदा।
अब सवाल यह उठता है कि रेलवे के अंदर इस तरीके की यात्रियों के साथ ओवर रेटिंग करने और जब इसका विरोध किया गया तो इज्जत करने का अधिकार रेलवे स्टेश पर खुले स्टाल संचालक को किसने दिया है, क्या इनके ऊपर किसी अधिकारियों का दबाव काम नहीं करता या यात्रियों को लूटने का मिलीभगत से खेल चल रहा है।