November 21, 2024
Indo-Nepal Border : अवस्थित बेलवा घाट परिसर में 119वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का हुआ आयोजन

Indo-Nepal Border वाल्मीकिनगर-बिहार। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में सावन अधिक मास पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्वरांजलि सेवा संस्थान तथा थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 119 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Indo-Nepal Border : अवस्थित बेलवा घाट परिसर में 119वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का हुआ आयोजन
महाआरती

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि होम लाल प्रसाद, विशिष्ट अतिथि निर्देशक राहुल के श्रीवास्तव, कृष्णा मोहन प्रसाद ,यश प्रकाश, कुमारी संगीता,यूट्यूबर लक्ष्मी थारू, स्वरांजलि सेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष शिव चंद्र शर्मा ,सचिव अखिलानंद, आचार्य पंडित उदयभानु चतुर्वेदी, थरुहट की गायिका नीतू कुमारी, गायक ललन बिहारी व्यास, वन कर्मी अनमोल कुमार, राजकुमार राउत, थारू संग्रहालय हर्नाटांड़ के कैमरामैन शुभम नीरज, चंदू खतइत, एवम् बाल कृष्ण प्रभु जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।

महाआरती द्वारा विश्व शांति की कामना की गई । इस्कॉन हरे कृष्णा आश्रम के भक्त चंदू खतइत एवम बाल कृष्णा प्रभु के नेतृत्व में भजन कीर्तन की मनभावन प्रस्तुति की गई।

Indo-Nepal Border: 119th Narayani Gandaki Maha Aarti program organized at Belwa Ghat complex

Indo-Nepal Border : अवस्थित बेलवा घाट परिसर में 119वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का हुआ आयोजन
महाआरती

संबोधन के क्रम में मुख्य अतिथि होम लाल प्रसाद ने कहा कि स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 14 नवंबर 2012 से घूम घूम कर लावारिस दिव्यांग जनों एवं जरूरतमंदों को हर दिन सुबह शाम निशुल्क भोजन दिया जाता है । ऐसे लोगों की सेवा ही सच्ची ईश्वर की भक्ति है। निर्देशक राहुल के. श्रीवास्तव ने कहा कि वाल्मीकि नगर के आसपास के प्रतिभाशाली कलाकारों को लगातार हम सभी गीत संगीत और अभिनय का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

आचार्य पंडित उदय भानु चतुर्वेदी ने कहा कि सावन अधिक मास की इस महाआरती का विशेष महत्व है। अधिक मास पूर्णिमा की महाआरती में पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार अधिक मास होने के चलते आठ सोमवार व्रत किए जाएंगे। गंगा मैया की जय, नारायणी गंडकी माता की जय , वाल्मीकि धाम की जय, त्रिवेणी धाम की जय, शंकर भगवान की जय जयकार से कार्यक्रम स्थल गुंजायमान होता रहा।
वशिष्ठ डेयरी उद्योग नेपाल के सौजन्य से आगत अतिथि गण सम्मानित किए गए। वहीं पवन भट्टराई एवं कुमारी संगीता के सौजन्य से महाप्रसाद की व्यवस्था की गई। घंटों भजन कीर्तन में श्रोता गन झूमते रहे। नाम संकीर्तन भी किया गया ।

Indo-Nepal Border : अवस्थित बेलवा घाट परिसर में 119वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का हुआ आयोजन
महाआरती

इस मौके पर गायक राजा, प्रिंस कुमार, यश प्रकाश, चंद्र भानु प्रसाद, यूट्यूबर लक्ष्मी थारू, युवा छात्र नेता दिग्विजय कुमार, हिरमती देवी, गायक नंद कुमार महतो, हिरवंति देवी, ब्यूटीशियन ज्योति कुमारी, सीताराम शर्मा , ,गायक ललन बिहारी व्यास, स्वरांजलि सेवा संस्थान के सचिव अखिलानंद, कोषाध्यक्ष शिव चंद्र शर्मा, कैमरामैन शुभम नीरज ,मधु देवी, आदि की भूमिका सराहनीय रही। आचार्य पंडित उदयभानु चतुर्वेदी ने कथा पूजा एवं हवन द्वारा विश्व शांति की कामना की।

बताते चलें कि गंडक नदी के संगम तट पर 6 नवंबर 2014 से हर महीने की पूर्णिमा तिथि एवं विशेष अवसर पर नारायणी गंडकी महा आरती की जाती है । पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा के साथ-साथ नवोदित प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को प्लेट फार्म उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है। महिला एवं पुरुषों की उपस्थिति से कार्यक्रम काफी सफल रहा। संचालन होम लाल प्रसाद ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिव चंद्र शर्मा एवं निर्देशक राहुल के श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम के दौरान संस्था को समय समय पर विशेष सहयोग प्रदान करने के लिए वर्ल्ड मीडिया विजन दिल्ली के निर्देशक राजेश गुप्ता, नवरत्न प्रसाद राव एमआरआई सेंटर गोरखपुर के डॉक्टर के एम राव, इंजीनियर विनय प्रताप सिंह , रूपमिलन के विजय कुमार गुप्ता, शौकत अली हैदर अली, विनोद कुमार कुशवाहा संतोष कुमार और लक्ष्मण सोनी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बताते चलें कि बताते चलें कि संस्था के एमडी युवा समाजसेवी संगीत आनंद कर्नाटक के बंगलोर शहर में मानव सेवा संबंधी शोध कार्य में भाग लेने गए हैं। इस कारण से स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर की जाएगी। उक्त जानकारी संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी ने दूरभाष पर दी है। हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ भी किया गया। महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण करके कार्यक्रम को विराम दिया गया। सभी भक्तों ने समवेत स्वर में शांति मंत्र का पाठ किया।

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