लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आशाओं का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए 12वीं पास आशाओं के लिए एएनएम प्रशिक्षण में रास्ता खोलने की मांग किया था। राज्य सरकार के परिवार कल्याण विभाग द्वारा एएनएम प्रशिक्षण की 1500 से अधिक पदों पर विज्ञप्ति निकाली गई है। उनमें आशाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। प्रदेश में कार्यरत आशाएं जो 12वीं पास हैं, तथा जिनकी उम्र 35 वर्ष तक है, वह इस प्रशिक्षण के लिए योग्य मानी गई है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने आशाओं को एएनएम प्रशिक्षण का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर यह भी बताया है, कि अधिकांश आशाएं 40 वर्ष से अधिक उम्र की हैं, उनको वर्तमान आयु सीमा के चलते एएनएम प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आशाओं का जीवन स्तर उठाने के लिए उनके लिए जो 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं,उनका लाभ तभी मिल सकेगा जब आशाओं को प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए उम्र में 5 बरस का शिथिलीकरण दिया जाएगा।
जे. एन. तिवारी ने मुख्यमंत्री से आशाओं के लिए आयु में 05 वर्ष का शिथलीकरण करते हुए 40 वर्ष उम्र करने की अपील किया है। उन्होंने कहा है कि आशाएं अपना पूरा जीवन खपाकर स्वास्थ्य विभाग को मजबूत आधार प्रदान कर रही है। आशा वर्कर्स के बिना स्वास्थ्य विभाग में बेसिक स्तर पर कार्य की परिकल्पना ही बेकार है। ऐसी स्थिति में आशाओं के लिए एएनएम प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया जाना उनके लिए स्वर्णिम अवसर होगा लेकिन यह तभी संभव हो सकेगा जब उनकी आयु सीमा 35 के स्थान पर 40 वर्ष कर दी जाए।
श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री से कहा है,कि आशाओं को उनके द्वारा की गई सेवा के आधार पर 10 से अधिक सेवा कर चुकी आशाओं को आयु सीमा में शिथिलीकरण देते हुए अधिकतम 05 वर्ष की छूट प्रदान किया जाए। साथ ही विज्ञापित पदों पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।