सिसवा बाजार-महराजगंज। कहते हैं अगर दिल मे जज्बा है कुछ कर गुजरने की तो कोई काम नामुमकिन नही है, अहमद रजा ने भी एक ऐसा ही काम किया है, लोगो के सहयोग और कड़ी परेशानियों को झेलते हुए बाबा केदारनाथ का दर्शन कर एक मिसाल कायम किया है।
महराजगंज जिले के ग्राम कैमा निवासी अहमद रज़ा की उम्र 19 साल है और यह ग्रेजुएशन कर रहे हैं, इनके अब्बू तनवीर आलम एक टीचर है और यह एक बहुत ही मिडल फ़ैमिली से बिलोंग करता है।
अहमद रजा ने कहा कि बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिये मैंने 2 जुलाई से सफर की शुरुआत किया, जब मैं अपने घर से निकला तो मेरे पास सिर्फ़ एक हजार रुपया था और वह भी अपने घर वालों से और कुछ दोस्तों से उधार लेके निकल था, वह एक हजार रुपया मेरे पास अभी भी पड़े है।
उन्होंने कहा मुझे बाबा केदारनाथ तक पहुँचने में 21 दिन लग गये, यहाँ तक पहुँचने में कितने परेशानी और कितने दिक़्क़तों का सामना किया वो सिर्फ मैं जानता हूँ, रास्ते में बहुत सारे अच्छे लोग मिले जिन्होंने मेरी बहुत ही मदद की तो वही कुछ ऐसे लोग भी मिले जो मेरी भावनाओं को ठेस पहुँचाये।
उन्होंने कहा कई रात ऐसी होती थी कि मुझे भूखा सोना पड़ता था तो कई रात ऐसी कटती थी कि सोने के लिए जगह नहीं मिलती थी,
मैंने इस 21 दिनों में बहुत कुछ सीखा नये नये लोगो से मिला, मेरे इस सफ़र में लोगो से हेल्प लेके लिफ्ट लेके आगे बढ़ता रहा और लिफ्ट ना मिलने पर मुझे एक दिन में 10 से 14 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था।
अहमद रजा ने कहा मुझे 22 जुलाई को इस बात की बहुत ख़ुशी हुई कि मैं बिना पैसों के बाबा केदारनाथ का दर्शन किया, यह सफ़र 15 सौ किलोमीटर का था और मैने यह साबित कर दिया कि हम अपने जीवन में कुछ भी कर सकते है बस अंदर एक जुनून रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मै बताना चाहता हूँ की भारत देश घूमने के लिए पैसों की ज़रूरतन नहीं होती, बहुत सारे लोग होते है जिनके पास पैसे होते है लेकिन फिर भी वो घूम नहीं पाते, बस इंसान के अंदर जुनून होनी चाहिए, छोटी सी ज़िंदगी मिली है इसमें घूमना बहुत ज़रूरी है।
अहमद रजा ने कहा की इंसानियत से बढ़ी कोई धर्म नहीं होती, इंसान की सोच बस अच्छी रहनी चाहिए।