
सिसवा बाजार-महराजगंज। स्थानीय नगर के सिल्वर फीनिक्स अतिथि भवन में चल रही श्रीमद भागवत कथा में ज्ञान वैराग्य,भक्ति कथा,आत्म देव ब्राह्मण की कथा, भक्त ध्रुव चरित्र, मांधाता और काल निरोपण की कथा के बाद आज कथा के पांचवे दिन कथावाचक श्री मिथलेश पांडेय जी उर्फ सिद्धि बाबा ने आज की कथा में भक्त प्रहलाद जी की कथा , जड़ भरत जी की कथा सुनाते हुए बताया कि
भक्त प्रहलाद की कथा भगवान विष्णु के एक परम भक्त की कहानी है, जिनका जन्म राक्षस कुल में हुआ था। उनके पिता हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से द्वेष रखते थे और प्रहलाद को विष्णु भक्ति से रोकने की बहुत कोशिश करते थे। अपनी बहन होलिका और कई अन्य तरीकों से प्रहलाद को मारने के प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की।

अंत में, भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया और प्रहलाद की रक्षा की।
जड़ भरत जी की कथा बताते हुए बताया कि जड़ भरत जी पूर्व जन्म में राजा थे जिनका नाम भरत था ।अपने घर बार को छोड़ कर त्रिवेणी गंडकी के किनारे तपस्या किए।लेकिन इनका तपस्या पूर्ण नहीं हुआ।तो यह एक मृग शावक के लालन पालन में जीवन बिताने लगे और जब मृग बड़ा हुआ तो मृग के झुंड में चला गया तो उस मृग के वियोग में वो प्राण त्याग दिए।दूसरे जन्म में यह तपस्या के फल से मनुष्य हुए तो पर मंद बुद्धि हुए और ईश्वर के भक्ति से इनका कल्याण हुआ।
इस दौरान सहयोगी गण में राकेश पांडे, गिरीश पांडे के साथ प्रमोद जायसवाल, दिनेश सोनी, प्रमोद मद्धेशिया, योगेश जायसवाल, गिरधारी केडिया, विजय, प्रेम, घनश्याम सहित अन्य भक्त गण उपस्थित रहे।